नई दिल्ली: स्वतंत्रता सेनानियों बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों स्वतंत्रता सेनानियों को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के लिए उनके योगदान को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि तिलक भारतीय मूल्यों और लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखते थे. शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर उनके विचार कई लोगों को आज भी प्रेरित करते हैं. वह एक संस्था निर्माता थे और उन्होंने कई संस्थानों को अपनी सेवाएं दीं, जिन्होंने लगातार महान काम किए.


पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, "मैं महान लोकमान्य तिलक को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनके विचार और सिद्धांत आज मौजूदा स्थिति में अधिक प्रासंगिक हैं. जब 130 करोड़ भारतीयों ने एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का फैसला किया है, जो आर्थिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से प्रगतिशील हो."




क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी आजाद को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वह 'भारत माता' के एक बहादुर पुत्र और एक उल्लेखनीय शख्स थे. उन्होंने कहा, 'युवावस्था में उन्होंने भारत को साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने के काम में खुद को झोंक दिया. वह एक भविष्यवादी विचारक भी थे और एक मजबूत तथा निष्पक्ष भारत का सपना देखते थे.'


औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई क्रांतिकारी आंदोलनों से जुड़े. आजाद ने कभी पुलिस द्वारा पकड़े नहीं जाने और 'आजाद' रहने की कसम खाई थी. साल 1931 में एक मुठभेड़ में पुलिस द्वारा घेरे जाने पर 24 वर्षीय आजाद ने खुद को गोली मार ली थी. वहीं, 1856 में जन्मे, तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता थे और उनकी 'स्वराज' की अवधारणा ने लोगों को काफी प्रभावित किया.


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