जयप्रकाश नारायण जयंती: PM मोदी ने कहा- JP के लिए राष्ट्रहित और लोगों के कल्याण से ऊपर कुछ नहीं था
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत को गर्व है कि लोकनायक जेपी और नानाजी देशमुख जैसे दिग्गज इस भूमि में पैदा हुए. आज का दिन हमारे राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित करने का है."
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने कहा, "मैं लोकनायक जेपी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उन्होंने भारत की आजादी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जब हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ, तो उन्होंने इसकी रक्षा के लिए एक मजबूत जन आंदोलन का नेतृत्व किया. उनके लिए, राष्ट्रहित और लोगों के कल्याण से ऊपर कुछ नहीं था."
दूसरे ट्वीट में मोदी ने लिखा, "महान नानाजी देशमुख, लोकनायक जेपी के सबसे सच्चे अनुयायियों में से एक थे. उन्होंने जेपी के विचारों और आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए बहुत मेहनत की. ग्रामीण विकास के प्रति उनके खुद के कार्य हमें प्रेरित करते हैं. उनकी जयंती पर मैं भारत रत्न नानाजी देशमुख को याद करता हूं."
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "भारत को गर्व है कि लोकनायक जेपी और नानाजी देशमुख जैसे दिग्गज इस भूमि में पैदा हुए. आज का दिन हमारे राष्ट्र के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित करने का है."
I bow to Loknayak JP on his Jayanti. He valiantly fought for India’s freedom and when our democratic ethos was under attack, he led a strong mass movement to protect it. For him, there was nothing above national interest and people’s welfare.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2020
स्वामित्व योजना कार्यक्रम में भी PM मोदी ने दोनों महापुरुषों को याद किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 6 राज्यों के 763 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत एक लाख लोगों को उनके घरों के प्रॉपर्टी कार्ड बांटे. इस मौके पर पर उन्होंने दोनों महापुरुषों को याद किया. पीएम मोदी ने कहा, "आज इतना विराट काम ऐसे दिन हो रहा है, जिसका हिन्दुस्तान के इतिहास में काफी महत्व है. आज दो-दो महापुरुषों की जयंती है. एक भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरे भारत रत्न नानाजी देशमुख."
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "जय प्रकाश बाबू ने जब संपूर्ण क्रांति का आहृवान किया, बिहार की धरती से जो आवाज उठी, जो सपनें जय प्रकाश जी ने देखे थें, जिस सपनों की ढाल बनके नानाजी देशमुख जी ने काम किया. नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का. इससे समाज में बंटवारा होगा."
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