PM Cares Fund: भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हमेशा से अपने अंदाज को लेकर चर्चा में बने रहते है. वो समय-समय पर देशवासियों की सराहना करते नजर आते है. मंगलवार को ‘‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’’ यानी ‘‘पीएम केयर्स फंड’’ के 'बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज' के साथ एक बैठक की और दिल खोलकर इस कोष में योगदान देने के लिए देशवासियों की सराहना की. बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से जारी एक बयान में ये बात कही गई.


बैठक में क्या फैसला लिया गया?


न्यासी मंडल के साथ हुई बैठक में भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति और इंडी कॉर्प्स और पीरामल फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी अधिकारी आनंद शाह को पीएम केयर्स फंड के सलाहकार बोर्ड में मनोनीत करने का फैसला लिया गया. पीएमओ (PMO) के मुताबिक इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नवनियुक्त न्यासी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के टी थॉमस, लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष करिया मुंडा और टाटा सन्स के मानद अध्यक्ष रतन टाटा शामिल हुए.


पीएमओ की बैठक में क्या रहा खास?


बैठक के दौरान कोविड-19 के चलते अपने परिजनों को खो चुके 4,345 बच्चों की मदद करने वाले ‘‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’’ सहित पीएम केयर्स की मदद से शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे में एक प्रस्तुति दी गई. बोर्ड के ट्रस्टीज़ की ओर से कोविड काल में इस कोष से निभाई गई भूमिका की सराहना की गई, जबकि प्रधानमंत्री ने पीएम केयर्स में दिल खोलकर योगदान देने के लिए देशवासियों की प्रशंसा की.


पीएमओ के मुताबिक बैठक में यह चर्चा की गई कि ना सिर्फ राहत सहायता बल्कि शमन उपाय और क्षमता निर्माण के जरिए भी पीएम केयर्स के पास आपातकालीन और संकट की स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए एक बड़ा दृष्टिकोण मौजूद है और नए न्यासियों और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली को व्यापक लाभ मिलेगा.


पीएम केयर्स फंड की स्थापना कब हुई थी?


कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद सरकार ने इससे उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना 28 मार्च 2020 को हुई थी.


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