PM Modi Punjab Rally Cancelled: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद पंजाब से बिना रैली किए वापस लौटना पड़ा. इस मुद्दे ने अब राजनैतिक रूप भी अख्तियार कर लिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हार के डर से पीएम मोदी की रैली को विफल करने का आरोप लगाया. इसके बाद नड्डा के बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पलटवार किया है.
उन्होंने दावा किया कि रैली में कम भीड़ आई इसलिए रैली रद्द हुई. सुरजेवाला ने कई ट्वीट किए. उन्होंने अपने ट्वीट में रैली स्थल का एक वीडियो साझा किया और दावा किया कि, "प्रिय नड्डा जी, रैली रद्द होने का कारण खाली कुर्सियां रहीं. यकीन न हो तो, देख लीजिए. और हां, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं, किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्म मंथन कीजिए. पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आईना दिखा दिया है."
कांग्रेस नेता ने अपने एक अन्य ट्वीट में जेपी नड्डा के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए लिखा, "प्रिय नड्डा जी, अपना आपा मत खोइए. कृपया ये याद रखिए
1. पीएम मोदी की रैली के लिए 10,000 सुरक्षाकर्मी तैना किए गए थे.
2. सभी इंतजाम एसपीजी और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर किए गए थे.
3. हरियाणा/राजस्थान के बीजेपी कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था.
जेपी नड्डा ने क्या कहा?
जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, "पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आगामी विधान सभा चुनाव में जनता के हाथों करारी हार के डर से पंजाब में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की. प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया."
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "पंजाब की कांग्रेस सरकार ने ऐसा करने में इस बात की भी परवाह नहीं की कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देश के महान सपूत सरदार भगत सिंह और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देनी थी और राज्य में प्रमुख विकास कार्यों की आधारशिला रखनी थी." उन्होंने आगे लिखा, "अपनी निकृष्ट सोच और ओछी हरकतों से पंजाब की कांग्रेस सरकार ने दिखा दिया है कि वह विकास विरोधी है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी उनके दिल में कोई सम्मान नहीं है. यह घटना माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक थी. यह बेहद चिंताजनक है."
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया, "प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री जी के रास्ते में जाने दिया गया और उनकी सुरक्षा से समझौता किया गया, जबकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने एसपीजी को आश्वासन दिया था कि रास्ता पूरी तरह से साफ है." उन्होंने लिखा, "पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर बात करने या इस मामले का समाधान करने से इनकार कर दिया. पंजाब सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति, लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को कष्ट पहुंचाएगी और उन्हें व्यथित करेगी."
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