Supreme Court On EVM-VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से डाले गए वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से पूरा सत्यापन कराने की मांग वाली सभी याचिकाएं शुक्रवार (26 अप्रैल) को खारिज कर दीं. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टि दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनावों में मतपत्रों पर वापस जाने की मांग को भी खारिज कर दिया. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया. 


बिहार के अररिया में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विपक्ष के चेहरे पर करारा तमाचा. अब मुंह ऊंचा करके देख नहीं पाएंगे. आज का दिन लोकतंत्र के लिए शुभ दिन, विजय का दिन. पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा. इंडिया गठबंधन के हर नेता को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए." 


'कुछ लोगों के सपने हुए चकनाचूर'


उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने आज जो बोला उससे कुछ लोगों के सारे सपने को चकानचूर कर दिया है. आज उच्च न्यायलय ने कह दिया है कि बैलेट पेपर दोबारा लौट कर नहीं आयेगा.  कुछ लोगों ने ईवीएम को बदनाम करने की कोशिश की है. जिन लोगों ने ईवीएम को बदनाम करने की कोशिश की है उन लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने तमाचा मारा है. आज का दिन लोकतंत्र के लिए विजय दिवस है."


पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे. इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है."


'पोलिंग बूथ और बैलेट पेपर लूटकर बनाई सरकार'


प्रधानमंत्री ने कहा, "INDI गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं. आरजेडी और कांग्रेस के INDI गठबंधन को न देश के संविधान की परवाह है और न ही लोकतंत्र की परवाह है. ये वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना. पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे, बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे."


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