नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में दुर्गापूजा कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करके न सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरा बल्कि बंगाल के धरोहरों को याद कर आम बंगालियों के दिलों को जीतने का प्रयास किया है. प्रधानमंत्री मोदी के इस वर्चुअल संबोधन को अगले साल बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम से बीजेपी की पकड़ और मजबूत होगी.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कोलकाता में दुर्गापूजा कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान बीजेपी ने बंगाल के सभी जिलों में पंडाल के माध्यम से और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के समूह को पीएम के वर्चुअल संबोधन को सुनाने की व्यवस्था की थी. बीजेपी का दावा है कि बंगाल के करीब 20 लाख कार्यकर्ताओं ने पीएम को लाइव सुना है.


प्रधानमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा, ''माँ दुर्गा की शक्ति और बंगाल के लोगों की भक्ति मुझे ऐसा महसूस करा रही है जैसे मैं बंगाल की शुभ भूमि में उपस्थित हूँ.''


उन्होंने कहा कि हम सब इस साल COVID-19 महामारी के बीच दुर्गा पूजा मना रहे हैं. सभी ने संपूर्ण व्यवस्थाओं के प्रति असीम नियंत्रण और प्रतिबद्धता दिखाई है, जबकि यह भी सुनिश्चित किया है कि स्वाद समान रहे. बंगाल के लोग हमेशा से ही बुद्धिजीवी रहे हैं और देश को गौरवान्वित किया है.


पीएम मोदी ने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है कि बंगाल के बुद्धिजीवी भारत को एक शानदार भविष्य की ओर ले जाते रहेंगे. महाशष्ठी के शुभ दिन पर मैं बंगाल की इस पवित्र भूमि पर अभिवादन करता हूं. मैं लोकनाथ बाबा, रवींद्रनाथ ठाकुर, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रानी रश्मोनी और कई अन्य बंगालियों का भी सम्मान करता हूं, जो हमें गर्वित करते हैं.''


उन्होंने कहा कि यह बंगाल था, जहाँ से स्वदेशी आंदोलन ने भारत की आजादी से पहले भाप इकट्ठा की थी. यह बंगाल था, जहां से गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर और बमकिन चंद्र चट्टोपाध्याय ने आत्मानिर्भर किसान और आत्मानिर्भर लाइव्स का नारा दिया था.


नेपाल और बांग्लादेश के साथ संचार और संपर्क बढ़ाने के लिए काम चल रहा है और इसकी सुविधा के लिए कई सड़क और राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं. हमारे गांवों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग, जलमार्ग से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तक, हम आम बंगाली के जीवन से समस्याओं को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.


पीएम मोदी ने कहा, ''मैं प्रार्थना करता हूं कि हर साल हम इस तरह से लोगों के बीच खुशी और खुशी के साथ दुर्गा पूजा मनाएं. बंगाली भाषा में मिठास ऐसी है कि मैं बंगाल की जनता के बीच इस खूबसूरत भाषा को बोलने से खुद को रोक नहीं पाया. मैं पवित्र भूमि और बंगाल की जनता को धन्यवाद देता हूं और मां दुर्गा सभी के लिए खुशी और खुशी लाती हैं.''