नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने फोन पर बातचीत की. ओली ने पीएम मोदी को 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के हालिया चुनाव के लिए बधाई भी दी.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान दोनों देशों में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के संदर्भ में आपसी एकजुटता व्यक्त की. पीएम मोदी ने इस संबंध में नेपाल को भारत के निरंतर समर्थन की पेशकश की.
बता दें कि पिछले कुछ समय में भारत और नेपाल के बीच तनाव है. नेपाल ने मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था. इसमें भारत के दावे वाले जगहों को भी उसने शामिल कर लिया था. नेपाल के इस फैसले से दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा हो गई.
17 अगस्त को दोनों देशों के बीच होगी बातचीत
भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी 17 अगस्त को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. नेपाल की ओर से मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी किए जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा होने के बाद यह पहली मुख्य वार्ता होगी.
विवाद वाले नक्शे में क्या है?
दरअसल, 8 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था. नेपाल ने इसका विरोध किया. उसने दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है. कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है. भारत इन इलाकों को अपना मानता है. इसके बाद जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था.
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