PM मोदी ने किया 'सौराष्ट्र-तमिल संगमप्रशस्ति' पुस्तक का विमोचन, बोले- डांडिया और कोलाट्टम...
PM Modi Speech: पीएम मोदी ने सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की पुस्तक 'सौराष्ट्र-तमिल संगमप्रशस्ति' का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने भारत की संस्कृति को लेकर बात की.
PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार (26 अप्रैल) को श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से लिखित 'सौराष्ट्र-तमिल संगमप्रशस्ति' पुस्तक का विमोचन किया. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है. हम अलग-अलग भाषाओं और बोलियों को, कलाओं और विषयों का उत्सव मनाते हैं. उन्होंने कहा कि विदेश आक्रमण के कारण तमिलनाडु और गुजरात के सौराष्ट्र के इतिहास की जानकारी नहीं मिलती है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी ये विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है. हम जानते हैं कि अलग-अलग धाराएं जब साथ आती हैं तो संगम का सृजन होता है. हम इन परंपराओं को सदियों से बढ़ावा देते आए हैं. आजादी के अमृतकाल में हम सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे सांस्कृतिक आयोजनों की एक नई परंपरा के गवाह बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये संगम नर्मदा और वैगई का संगम है. ये संगम डांडिया और कोलाट्टम का संगम है.
2047 के भारत का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 2047 के भारत का लक्ष्य है. हमें देश को आगे लेकर जाना है, लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे. भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है. सौराष्ट्र और तमिलनाडु का साझा इतिहास हमें यह भरोसा देता है.
'तालमेल पर बल देना जरूरी'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को सांस्कृतिक टकराव पर नहीं, बल्कि तालमेल पर बल देना है. संघर्षों को नहीं संगमों और समागमों को आगे बढ़ाना है. हमें भेद नहीं खोजने, बल्कि भावनात्मक रिश्ते बनाने हैं. यही भारत की वो अमर परंपरा है जो सबको साथ लेकर समावेश के साथ आगे बढ़ती है, सबको स्वीकार कर आगे बढ़ती है.
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