देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसके चलते मोदी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अब पीएम मोदी ने इसी मुद्दे का जिक्र करते हुए गैर बीजेपी शासित राज्यों को जमकर निशाने पर लिया. जिसमें उन्होंने कहा कि, कुछ राज्यों ने टैक्स में कटौती नहीं की इसीलिए वहां लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. अब जिन राज्यों का नाम पीएम मोदी ने लिया उनके मुख्यमंत्रियों की तरफ से इसका जवाब दिया गया है. जानिए इस पूरे मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें - 



  1. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि शायद भाजपा शासित भोपाल को संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम लिया. गहलोत ने कहा कि भोपाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यों के वैट की बात की लेकिन केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क की जानकारी नहीं दी. 

  2. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी के टैक्स कम नहीं करने वाले आरोप का जवाब देते हुए कहा कि, ''सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला राज्य महाराष्ट्र है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर महाराष्ट्र के साथ केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है. 26500 करोड़ रुपए़ का जीएसटी बकाया अब तक केंद्र से नहीं मिल पाया है. केंद्र सरकार को सभी राज्यों के प्रति एक जैसा बर्ताव करना चाहिए.''

  3. महाराष्ट्र के अलावा पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल का भी जिक्र किया था. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद सामने आकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, पीएम ने बैठक के दौरान कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें राज्यों को कम करनी चाहिए. लेकिन राज्य ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपने कीमतें बढ़ाई हैं. क्या आपने तेल की कीमतों से हुई अपनी कमाई देखी है? ममता ने आगे कहा कि, हमने कहा था कि केंद्र और राज्यों का रेवेन्यू बराबर होना चाहिए. लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं हुए. वो 75 फीसदी टैक्स वसूलते हैं. 

  4. तेलंगाना के सीएम केसीआर ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि, तेलंगाना ने 2014 से तेल पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं बढ़ाया है. केंद्र सरकार को कोई हक नहीं है कि वो राज्यों से टैक्स कम करने को कहे. जब से टीआरएस सत्ता में आई है तेल पर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया गया, इसीलिए कम करने का सवाल पैदा ही नहीं होता. 

  5. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस मामले पर कहा कि, PM ने आज स्वास्थ्य को लेकर बैठक की लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य पर बातें कम और पेट्रोल-डीजल पर ज्यादा बात की. जिससे बैठक राजनीतिक हो गई. उन्होंने झारखंड का नाम भी लिया तो मुझे लगता है कि बैठक पेट्रोल-डीजल के दाम में हो रही वृद्धि पर सफाई देनी के लिए थी. पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की दिशा और दशा पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्धारित करती है. 

  6. कांग्रेस की तरफ से भी पीएम मोदी के पेट्रोल-डीजल वाले बयान का जवाब दिया गया. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आंकड़े जारी कर बताया कि, कांग्रेस के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹9.48 प्रति लीटर थी और डीजल पर ₹3.56 प्रति लीटर... लेकिन मोदी सरकार के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹27.90 प्रति लीटर और डीजल पर ₹21.80 प्रति लीटर है. इस हिसाब से सरकार तुरंत पेट्रोल और डीजल पर 18 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम करे. 

  7. डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने पीएम मोदी के बयान पर कहा कि, पीएम मोदी ने तेल पर टैक्स कम करने के लिए सिर्फ विपक्षी राज्यों का ही जिक्र किया. वो ये नहीं कह सकते थे कि गुजरात और कर्नाटक को भी टैक्स घटाना चाहिए. भारत सरकार जितना टैक्स वसूल रही है वो इन राज्यों के टैक्स से तीन गुना ज्यादा है. 

  8. हरियाणा के कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, हरियाणा में पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा वैट है. इंटरनेशनल मार्केट में दाम बढ़ने से तेल के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन जब इंटरनेशल मार्केट में गेंहू के दाम बढ़ते हैं तो किसान को ज्यादा एमएसपी क्यों नहीं मिलती है? केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अपने काम से भाग रही है.  

  9. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा था कि, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी. राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया. 

  10. इस दौरान पीएम मोदी ने उन राज्यों का नाम भी लिया, जिन्होंने टैक्स में कोई कटौती नहीं की. जिसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड और केरल का नाम लिया गया. पीएम ने इन राज्यों में तेल की कीमतों का भी जिक्र किया और कहा कि, अब ये राज्य लोगों को राहत देने का काम कर सकते हैं. 


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