नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 में संसद पर हुए हमले में मारे गये लोगों को गुरुवार को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने संसद के बचाव में सर्वोच्च बलिदान को प्राप्त हुए देश के अप्रतीम वीरों को सलाम करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी लोगों को प्रेरणा देती है.
हमले की 17वीं बरसी पर, मोदी ने ट्विटर पर सुरक्षा कर्मियों के साहस को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों की बहादुरी को सलाम करते हैं, जो 2001 में इसी दिन हमारे संसद पर हुए नृशंस हमले के दौरान शहीद हो गये थे. उनकी हिम्मत और वीरता हर भारतीय को प्रेरित करती हैं’’
13 दिसंबर, 2001 को, पांच बंदूकधारियों ने संसद परिसर पर हमला कर वहां अंधाधुंध गोलियां बरसायीं थीं. उस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच कर्मियों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला अधिकारी, संसद भवन के दो वॉच और वार्ड कर्मचारी, एक माली और एक कैमरामैन की मौत हो गई थी.
13 दिसंबर 2001 को क्या हुआ था?
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था. ये पांचों आतंकी एक सफेद एंबेसडर कार में आए थे. देश की संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच शीतकालीन सत्र चल रहा था. उस दौरान सैकड़ों सांसदों समेत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी भी संसद में मौजूद थीं. आतंकियों की इस फायरिंग से कई जवान शहीद हो गए. हालांकि सुरक्षाबलों ने उसी दिन पांचों आतंकियों को मार गिराया था.
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