इमरजेंसी नहीं लोकतंत्र है, इसलिए जेल भेजने का काम हम नहीं कोर्ट करता है- पीएम मोदी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाई. पीएम मोदी ने कि ये दाग कभी मिटेगा नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस इतनी ऊंची हो गई कि जमीन से उखड़ गई, उसे जमीन से जुड़े लोग दिखने बंद हो गए.
नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला औपचारिक भाषण हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाई, पीएम ने कहा कि ये दाग कभी मिटेगा नहीं. इसकेस साथ ही पीएम मोदी लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौदरी की बात का जवाब भी दिया. कल अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर वो सोनिया और राहुल का भ्रष्टाचार का आरोपी मानते हैं तो अब तक उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा?
अधीर रंजन चौधरी की बात का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''हमें इसलिए दोष दिया जाता है कि हमने कुछ लोगों को जेल में नहीं डाला. यह आपातकाल नहीं है कि सरकार किसी को भी जेल में डाल दे. यह लोकतंत्र है और न्यायपालिका इस पर फैसला करेगी.'' पीएम मोदी ने इशारों में राहुल गांधी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम कानून को उसका काम करने देते हैं और अगर किसी को जमानत मिलती है तो वह उसे एन्जॉय करें. हम बदला लेने में भरोसा नहीं करते. लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमें देश ने इतना दिया है कि हमें गलत रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है.''
जमकर बरसे पीएम, कहा- कांग्रेस इतनी ऊंची हो गई कि जमीन से उखड़ गई प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आप इतने ऊंचे हो गए हैं कि आपको नीचे का दिखना बंद हो गया है. प्रधानमंत्री ने कहा, ''यहां बहुत अच्छी बातें बताई गईं, ज्यादातर चुनावी छाया वाली बातें बताई गईं. यहां कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता. ऐसी गलती हम कर बी नहीं सकते. हम किसी की लकीर छोटी नहीं कर सकते हम अपनी लकीर को बढ़ाने के लिए जीवन कपा देते हैं. आपको आपकी ऊंचाई मुबारक हो क्योंकि आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गई है. आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जो जमीन पर हैं वो दिखना बंद हो गए हैं. इसीलिए आपकी ऊंचाई मेरे लिए अत्यंत संतोष की बात है. मेरी कामना है कि आप और ऊंचे बढ़ें. हमारी कोई स्पर्धा है कि हमारा सपना जड़ों से जुड़ने का है. हमारा रास्ता जड़ों से जुड़कर देश को आगे ले जाने का है.''