नई दिल्ली: अमेरिका को भारत की ओर से दवा दिए जाने के फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की थी. अब पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया है. जवाब में पीएम मोदी ने उनका शुक्रिया अदा किया है और कहा है कि भारत और अमेरिका मिल कर कोरोना को हराएंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लिखा कि ऐसे वक्त में दोस्त करीब आते हैं.


प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप को जवाब देते हुए लिखा, ''राष्ट्रपति ट्रंप आपसे पूरी तरह सहमत हूं. इस तरह के वक्त दोस्तों को और करीब लाते हैं. भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी अभी तक के सबसे मजबूत दौर में है. भारत कोरोना के खिलाफ मानवता की इस लड़ाई में हर मुमकिन मदद करने को तैयार है.''






प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के जिस ट्वीट का जवाब दिया उसमें उन्होंने लिखा था, ''कठिन समय में दोस्तों से मदद की जरूरत होती है. हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई के लिए भारत और भारतीय लोगों का धन्यवाद. कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में ना केवल भारत बल्कि मानवता की मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग को भुलाया नहीं जा सकता.''






कैसे बदल गए सुपर पॉवर राष्ट्रपति के सुर?
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मलेरिया की दवाई को लेकर भारत के लिए 'Retaliation' यानि प्रतिशोध शब्द का इस्तेमाल किया था. लेकिन भारत की ओर से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन देने के फैसले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की. ट्वीट से पहले ये तारीफ उन्होंने FOX NEWS को दिए टेलिफोनिक इंटरव्यू में की थी.


राष्ट्रपति ट्रंप ने इंटरव्यू में कहा, ''हमारे पास मलेरिया की 2 करोड़ 90 लाख टैबलेट हैं और ये बहुत है फिर भी हमनें और देशों से बात की है. पीएम मोदी हैं, भारत से दवाई आ रही है. मैंने उनसे पूछा था कि क्या आप मलेरिया की दवा मुहैया करवा देंगे ? वे बहुत महान हैं, बहुत अच्छे हैं, उन्होंने पहले निर्यात पर रोक लगाई थी क्योंकि उन्हें अपने देश के लिए दवाई चाहिए थी.''


किस काम आती है ये हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन?
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का भारत में उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. यह दवा मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी में काम आती है. मलेरिया के साथ इन दवाओं का प्रयोग आर्थराइटिस में भी किया जाता है. अमेरिका जैसे देशों में यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों को दी जा रही है और सहायक भी साबित हो रही है.


इसलिए अमेरिका समेत कई देशों में इसकी डिमांड अचानक बढ़ गई है. दरअसल इस दवा का खास असर सार्स-सीओवी-2 पर पड़ता है. यह वही वायरस है जो कोविड-2 का कारण बनता है और यही कारण है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के टेबलेट्स कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं.


क्या कोरोना के खिलाफ लड़ाई में असरदार हथियार साबित होंगी ये दवाएं
कोरोना महामारी फैलने के बाद चीन और जापान में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टैबलेट पर शोध हुआ, जिसमें पाया गया कि कोरोना संक्रमण को रोकने में एंटी मलेरियल्स दवाएं काफी सहायक हो सकती हैं. शोध में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज और उसके करीबियों और स्वास्थ्यकर्मियों को निश्चित मात्रा में इस दवा की खुराक से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है. लेकिन इन दवाओं का प्रयोग बेहद सावधानी पूर्वक करना होगा क्योंकि इनका असर उल्टा भी हो सकता है. जरा भी ओवरडोज मरीज की जान ले सकती है.