नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन और टीकाकरण पर समीक्षा बैठक की. बैठक में कोरोना टास्क फ़ोर्स और पीएमओ के अधिकारी मौजूदगी रहे. प्रधानमंत्री ने अब तक लगे टीके और आने वाले महीनों में टीके की उपलब्धता और राज्यों को टीकों की आपूर्ति सहित टीकाकरण के लिए समयबद्ध कार्यक्रम की पूरी जानकारी ली. 


21 जून से शुरू हुए मुफ़्त टीकाकरण के अभियान में रोज़ 70 लाख की गति से 5 दिन में 3.5 करोड़ से ज्यादा टीके लगे हैं. 21 जून को जब टीकाकरण अभियान के नए चरण की शुरुआत हुई थी. तब एक दिन में ही 85 लाख से ज़्यादा टीके लगे थे. इस दिन मध्य प्रदेश ने रिक़ोर्ड़ लगभग 17 लाख टीके लगाये थे. उत्तर प्रदेश ने भी जून महीने के टीकाकारण के लक्ष्य को 6 दिन पहले ही हासिल कर लिया था. मध्य प्रदेश में आज भी तेज़ी से टीकाकरण चल रहा है और शाम पांच बजे तक 9 लाख टीके लगाए जा चुके हैं.


सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ केंद्र सरकार टीके का पूरा इंतज़ाम अपने हाथ में लेने के बाद अब इसे नयी रफ़्तार देना चाहती है. इस साल दिसम्बर तक देश में पूरी आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को समय से पहले पूरा करना चाहती है. सरकार इसके लिए बीजेपी के संगठन का इस्तेमाल भी करेगी.


आज ही पार्टी आलाकमान जेपी नड्डा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों को पत्र लिखकर टीकाकरण अभियान में नगरिकों की मदद करने उन्हें टीका केंद्र और अस्पताल लाने ले जाने की व्यवस्था करने और पीने के पानी का इंतजाम करने सहित लोगो टीकाकरण के लिए प्रेरित करने वाले अभियान भी चलाने के निर्देश दिए हैं.


पीएम मोदी शुरुआत से टीकाकरण और वैक्सीन के उत्पादन और उपलब्धता को लेकर समीक्षा बैठक कर पैनी नज़र बनाए रखे हुए हैं. आने वाले समय में वैक्सीन की नयी खेप से टीके की उपलब्धता और बढाई जाएगी. इसके अलावा देश में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा रूसी वैक्सीन स्पुतनिक भी जल्द उपलब्ध होना शुरू हो जाएगी.


प्रधानमंत्री मोदी इन हालातों में कोरोना के नए वेरिएंट और उससे जुड़े मामलों पर भी लगातार अपडेट ले रहे हैं. बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के देश में 50 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इस वेरिएंट के सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल में सामने आए हैं. महाराष्ट्र से ही देश में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी. माना जा रहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण बन सकता है.


West Bengal: फर्जी वैक्सीनेशन के असर की जांच करने के लिए ममता सरकार ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी