PM Modi Reviews NMHC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर परियोजना की प्रगति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परियोजना की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि हमारे इतिहास की अनेक गाथाओं को भुला दिया गया है और उनको सुरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के रास्ते नहीं खोजे गए हैं.


पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास के उन घटनाओं से हम कितना कुछ सीख सकते थे. भारत की समुद्री विरासत भी एक ऐसा ही विषय है जिनके बारे में बहुत कम चर्चा की गई. छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी एक सशक्त नौसेना का गठन किया और विदेशी आक्रांताओं को चुनौती दी. ये सब कुछ भारत के इतिहास का ऐसा गौरवपूर्ण अध्याय है, जिसे नजरअंदाज ही कर दिया गया


'बड़े हिस्से में था भारत का कारोबार'
पीएम मोदी ने कहा कि सदियों पहले के भारत का व्यापार-कारोबार दुनिया के एक बड़े हिस्से में छाया हुआ था. हमारे रिश्ते दुनिया की हर सभ्यता के साथ रहे तो इसके पीछे भारत की समुद्री शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका थी. हमारे दक्षिण में चोल साम्राज्य, चेर राजवंश, पांड्य राजवंश भी हुए जिन्होंने समुद्री संसाधनों की शक्ति को समझा और उसे एक अभूतपूर्व ऊंचाई दी. 


हजारों वर्ष पहले कच्छ में बड़े-बड़े समुद्री जहाजों के निर्माण का पूरा उद्योग चला करता था. भारत में बने पानी के बड़े-बड़े जहाज, दुनिया भर में बेचे जाते थे. विरासत के प्रति इस उदासीनता ने देश का बहुत नुकसान किया. ये स्थिति बदली जानी जरूरी है.


व्यापार का एक बड़ा केंद्र थी सिंधु घाटी 
हमने तय किया कि धोलावीरा और लोथल को भारत के गौरव के इन सेंटर्स को हम उसी रूप में लौटाएंगे, जिसके लिए कभी ये मशहूर थे. लोथल सिर्फ सिंधु घाटी मान्यता का एक बड़ा व्यापारी केंद्र नहीं था, बल्कि ये भारत के समुद्री सामर्थ्य और समृद्धि का भी प्रतीक था.


हजारों वर्ष पहले जिस लोथल को जिस तरीके से एक पोर्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया था, वो आज भी बड़े-बड़े जानकारों को हैरान कर देता है. मैं तकनीक के माध्यम से दूर दिल्ली से आपसे जुड़ा हूं लेकिन मन मस्तिष्क में लग रहा है कि मैं आपके पास मौजूद हूं. मैंने अभी ड्रोन के माध्यम से सभी कामों को देखा है और उसकी समीक्षा भी की है, मुझे लगता है सभी काम सुचारू रुप से चल रहे हैं.


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