PM Modi Russia Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सोमवार (8 जुलाई) को अपने 2 दिवसीय रूस की यात्रा के दौरान मॉस्को पहुंचे. इस विदेश यात्रा में पीएम मोदी 8 जुलाई से 9 जुलाई तक रूस में रहेंगे. इसके बाद वो अपने 1 दिवसीय यात्रा पर ऑस्ट्रिया जाएंगे. दरअसल, 2019 के बाद पीएम मोदी का ये पहला रूस दौरा है और तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद पहला द्विपक्षीय विदेशी दौरा भी. पीएम मोदी का रूस दौरा कई मायनों में अहम है.


इस दौरान एक तरफ़ चीन से रूस की बढ़ती नज़दीकियां तो दूसरी तरफ़ रूस विरोधी माने जाने वाले सैन्य गुट नाटो की बैठक के समय पीएम मोदी का रूस दौरा काफी अहम माना जा रहा है. आमतौर पर रूस और भारत के बीच होने वाली ये सालाना बैठक साल के अंत में होती है, लेकिन इस बार ये साल के बीच में ही हो रही है. इसके चलते पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं.


PM मोदी की रूस यात्रा में भारत का कितना फायदा?


दरअसल, पीएम मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सुखोई से लेकर एंटी टैंक गोले की फैक्ट्री जैसे कई बड़ी डील हो सकती हैं. वहीं, पीएम मोदी जिस दिन रूस के दौरे पर जा रहे हैं, उसी दिन अमेरिका में नाटो सम्मेलन होना है. ये सम्मेलन रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्रित हो सकता है. इसके अलावा रूस और यूक्रेन बीते ढाई साल से लगातार युद्ध कर रहे हैं. इस युद्ध के कारण दुनिया के कई देश दो धड़ों में बंट गए हैं.


मोदी-पुतिन मुलाक़ात पर चीन और अमेरिका की नज़र


इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी मिलेंगे तो दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन संघर्ष पर भी बात होगी. खासतौर पर रूसी सेना की ओर से भारतीयों को भर्ती किए जाने के मुद्दे पर विशेष ज़ोर रहेगा. भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों देशों के बीच 2021 के सालाना सम्मेलन के बाद से कई मुद्दे लंबित पड़े हुए हैं. जहां पर दोनों देशों के बीच व्यापार, कनेक्टिविटी, स्पेस, तेल, एलएनजी, डिफेंस डील भुगतान से जुड़ें मुद्दों पर बात हो सकती है.


जानिए भारत और रूस के बीच किन हथियारों की होगी डील?


बता दें कि, इस यात्रा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एके-203 असॉल्ट राइफ़ल है. जिसे दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में सबसे अहम माना जा रहा है. इस डिफेंस डील के तहत साल 2021 से लेकर 2031 तक इंडो-रशियन राइफ़ल प्राइवेट लिमिटेड से लगभग 6 लाख एके-203 राइफ़ल ख़रीदी जाएगी. हालांकि, रूस की मदद से उत्तर प्रदेश के अमेठी में 2019 में ऑसल्ट राइफ़ल बनाने की फ़ैक्टरी लगी थी.


वहीं, रूस भारत को नई वायु रक्षा प्रणाली और Su-30MKI लड़ाकू जेट, साथ ही Ka-226T हेलीकॉप्टरों के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन की आपूर्ति कर सकता है. बताया जा रहा है कि शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन के बीच फाइटर जेट SU-57, एंटी टैंक गोले की फैक्ट्री डील, मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड की फैक्ट्री डील, मिलिट्री लॉजिस्टिक्स समझौता हो सकता है.


भारत में बनेगी एंटी टैंक गोले बनाने की फैक्ट्री 


इसके अलावा रूस की बड़ी सरकारी सैन्य कंपनी रोस्टेक का एलान किया था कि भारत में एंटी टैंक गोले बनाने की फैक्ट्री बनेगी. मैंगो आर्मर-पियर्सिंग टैंक राउंड्स की फैक्ट्री बनेगी. भारत में निर्मित 'मैंगो' गोलों को टी-72 और टी-90 टैंकों की तोपों से दागने के लिए बनाया गया है, जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना करती है.


S-400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम पर चीन और US की रहेगी नजर


इसके अलावा S-400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम आपूर्ति को दोबारा शुरू करने के भारत के अनुरोध पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. चूंकि, 5 अरब डॉलर की इस डील में भारत ने पांच एस-400 मिसाइल का ऑर्डर दिया है, जिसमें से 3 की डिलीवरी हो चुकी है. जबकि 2 अभी बाकी है.


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