नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन में नोटबंदी आंकड़ों से संबंधित दावे के बारे में सवाल उठाया. कांग्रेस ने पीएम मोदी से पूछा कि रिजर्व बैंक अभी तक नोटों की गिनती का काम कर रहा है तो वह तीन लाख करोड़ रूपये के आंकड़े पर कैसे पहुंच गए.


कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में तीन लाख करोड़ रुपये आए. उन्होंने कहा कि यह रिजर्व बैंक की ओर से किए गए दावों के बिल्कुल उल्टा है.


प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिजर्व बैंक: कांग्रेस


कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन लाख करोड़ रुपये जो बैंकिंग प्रणाली में नहीं थे, वह इसमें आ गये हैं. हमने प्रधानमंत्री से पूछा था कि नोटबंदी के बाद कितना धन आया. हमें बताया गया कि रिजर्व बैंक अभी तक गिनती कर रहा है...गिनने में दशकों लग सकते हैं.’’ आजाद ने कहा, ‘‘जब आरबीआई की गिनती जारी है तो प्रधानमंत्री तीन लाख करोड़ रुपये की राशि तक कैसे पहुंच गए...भारत के प्रधानमंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दो विरोधाभासी रुख अपनाए गए हैं.’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह एक बड़ा सवाल है कि या तो प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं या रिजर्व बैंक.


गोरखपुर ट्रेजटी पर बोले गुलाम नबी आजाद


गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में आक्सीजन की कथित कमी की वजह से जान गंवाने वाले बच्चों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह गलत कहा कि केन्द्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने गोरखपुर के अस्पताल के लिए कुछ नहीं किया. आजाद ने उन तमाम उपायों और फैसलों की जानकारी दी जो उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज और अस्पताल के संदर्भ में किए थे. आजाद ने दावा किया कि गोरखपुर के सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने एक बार भी उनसे मिलकर या फोन कर गोरखपुर के इस अस्पताल के बारे में कोई बातचीत नहीं की.


कश्मीर मुद्दे पर पीएम के भाषण को लेकर कांग्रेस ने क्या कहा?


प्रधानमंत्री मोदी के ओर से लालकिले की प्राचीर से किए गए राष्ट्र के नाम संबोधन में कश्मीर मुद्दे के समाधान की बात कहे जाने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री और भाजपा कश्मीरियों को गले लगाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से कहना चाह रहे हैं कि गोली और गाली कौन दे रहा था. उन्होंने कहा कि गोलियां सुरक्षा बल चला रहे हैं. गालिया संघ परिवार के लोग टीवी स्टूडियो में बैठकर कश्मीरियों को दे रहे थे. उन्होंने कहा कि बातचीत का दरवाजा सरकार ने पिछले तीन साल से बंद कर रखा है. बातचीत के लिए कोई दरवाजा, खिड़की या रोशनदान नहीं खुला है.


गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही बातचीत के जरिए कश्मीर की समस्या का हल निकालने के पक्ष में रही है. एक सवाल के जवाब में आजाद ने यह भी आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार ने आकाशवाणी, दूरदर्शन और दूसरे मीडिया की स्वतंत्रता के विरूद्ध अघोषित इमरजेंसी लगा रखा है. इन खबरों में विपक्ष के नेताओं को कोई जगह नहीं मिलती है.


शरद यादव की तरफ से साझा विरासत पर बैठक बुलाए जाने के कदम का समर्थन करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज जरूरत देश की साझा संस्कृति को बचाने की है. मौजूदा सरकार इस साझा संस्कृति को मिटाने का काम कर रही है.


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