PM Modi ने कहा- पहले 'सीएजी बनाम सरकार' व्यवस्था की सोच थी, अब इसे बदला गया है
PM Modi ने कहा कि जब वह गुजरात के सीएम थे तब भी अपने अधिकारियों से कहा करते थे कि यदि CAG आपसे दस्तावेज या अन्य कागजात मांगे तो अवश्य उपलब्ध कराएं, क्योंकि इससे सरकार का काम बेहतर और आसान होता है.
PM Modi On CAG: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में एक समय था जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को आशंका तथा भय के साथ देखा जाता था और ‘सीएजी बनाम सरकार’ व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी लेकिन आज इस मानसिकता को बदला गया है. कैग के पहले ऑडिट दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुराने समय में सूचना कहानियों के जरिए प्रसारित होती थीं और कहानियों के जरिए ही इतिहास लिखा जाता था लेकिन 21वीं सदी में ‘‘डेटा ही सूचना है और आने वाले समय में हमारा इतिहास भी डेटा के जरिए देखा और समझा जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में डेटा ही इतिहास का निर्धारण करेगा.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संस्था के रूप में सीएजी न केवल देश के खातों के हिसाब किताब की जांच करता है, बल्कि उत्पादकता व दक्षता का मूल्यवर्धन भी करता है, इसलिए ऑडिट दिवस और इससे जुड़े कार्यक्रम देश के चिंतन-मंथन, बेहतरी और सुधार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत कम संस्थाएं ऐसी होती हैं, जो समय बीतते-बीतते अधिक मजबूत और परिपक्व होती हैं. ज्यादातर संस्थाएं जन्म लेती हैं और तीन से पांच दशक आते-आते स्थितियां इतनी बदल जाती हैं कि वह संस्थाएं अपनी प्रासंगिकता खो देती हैं. लेकिन सीएजी के संबंध में हम कह सकते हैं कि इतने सालों बाद भी यह संस्थान अपने आप में बहुत बड़ी विरासत है, बहुत बड़ी अमानत है.’’
पीएम मोदी ने कहा कि हर पीढ़ी को संभालना व संवारना और आने वाली पीढ़ियों के लिए उसे अधिक उपयुक्त बनाकर आगे बढ़ाना भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और सीएजी इस भूमिका को बखूबी निभा रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कैग कार्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया. कार्यक्रम में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे.
आजादी और उसके बाद देश को मजबूती प्रदान करने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के योगदानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक समय था, जब देश में ऑडिट को एक आशंका, एक भय के साथ देखा जाता था. सीएजी बनाम सरकार हमारी व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी. लेकिन, आज इस मानसिकता को बदला गया है. आज ऑडिट को वैल्यू एडिशन का अहम हिस्सा माना जा रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्वत:निर्धारण का काम आसान हो जाता है. शुचिता और पारदर्शिता व्यक्ति के जीवन में हो या सरकार में, यह हमारे लिए सबसे बड़े ‘मॉरल बूस्टर’ होते हैं.’’ ऑडिट दिवस का आयोजन एक संस्था के रूप में कैग की ऐतिहासिक उत्पत्ति के अवसर पर किया जा रहा है. कैग ने बीते दशकों में शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है.