बच्चों के साथ क्लास में बैठे PM मोदी, बोले- इंग्लिश सिर्फ संवाद का माध्यम, अब नहीं बनेगी ग्रामीण युवाओं के डॉक्टर-इंजीनियर बनने में बाधा
PM Modi In Gujarat: पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब माता-पिता के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें, भले ही वे अंग्रेजी (माध्यम) में शिक्षित न हों.
PM Modi Gujarat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान बुधवार (19 अक्टूबर) देश में स्थानीय भाषाओं के उपयोग की वकालत करते हुए कहा कि अंग्रेजी (English) केवल संचार का माध्यम है, बौद्धिक होने का मानदंड नहीं है. गांधीनगर के अदलज शहर में गुजरात सरकार (Gujarat Government) के मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस पहल में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले अंग्रेजी को संचार का माध्यम होने के बावजूद बौद्धिक होने का मानदंड माना जाता था. प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान बौद्धिक होने की निशानी माना जाता था. वास्तव में, अंग्रेजी भाषा (English Language) केवल संचार का एक माध्यम है." अपने भाषण के दौरान, पीएम मोदी ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अंग्रेजी नहीं बल्कि हिंदी में सहज लोग पीछे न रहें.
क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि अंग्रेजी भाषा की बाधा एक बाधा थी. गांवों की कई युवा प्रतिभाएं डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकीं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान नहीं था. पीएम ने यह भी आश्वासन दिया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) देश को अंग्रेजी भाषा के आसपास की "गुलाम मानसिकता" से बाहर निकालेगी. पीएम मोदी ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब माता-पिता के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें, भले ही वे अंग्रेजी (माध्यम) में शिक्षित न हों हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंग्रेजी भाषा की कमी के कारण कोई भी पीछे न रहे. केंद्र की नई शिक्षा नीति देश को अंग्रेजी भाषा के इर्द-गिर्द इस गुलाम मानसिकता से बाहर निकालेगी"
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में हाल ही में लॉन्च की गई 5G दूरसंचार सेवाएं शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर पर ले जाएंगी. उन्होंने कहा, "5जी सेवा स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट क्लासरूम और स्मार्ट शिक्षण से आगे निकल जाएगी. यह हमारी शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर पर ले जाएगी."
मध्य प्रदेश में हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हिंदी भाषा में मेडिकल एजुकेशन प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस छात्रों के लिए हिंदी में तीन पाठ्यपुस्तकों को लॉन्च किया. इसके दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. अमित शाह ने इस हफ्ते की शुरुआत में भोपाल में एमबीबीएस के लिए मेडिकल बायोकेमिस्ट्री, एनाटॉमी और मेडिकल फिजियोलॉजी विषयों की किताबों का अनावरण करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर) का सिलेबस हिंदी में शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
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