Law Ministers Conference: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार (15 अक्टूबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि पीछे हटाने वाले औपनिवेशिक कानूनों को हटाकर उपनिवेशवाद की बेड़ियों को तोड़ना हमारे लिए जरूरी है, तभी भारत सही मायने में प्रगति कर सकता है.


'1,500 कानूनों को किया रद्द'


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, "देश ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है. इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे." उन्होंने कहा कि देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए.


'भारतीय समाज ने निरंतर प्रगति की है'


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब लोकहित को लेकर सरदार पटेल की प्रेरणा, हमें सही दिशा में ले जाएगी और हमें लक्ष्य तक भी पहुंचाएगी. उन्होंने आगे कहा कि भारत के समाज की विकास यात्रा हजारों वर्षों की है. तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय समाज ने निरंतर प्रगति की है.


कानून मंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे समाज की सबसे बड़ी विशेषता यह कि वो प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए खुद में आंतरिक सुधार भी करता चलता है. उन्होंने कहा, "हमारा समाज अप्रांसगिक हो चुके कायदे-कानूनों, कुरीतियों को, गलत रिवाजों को हटाता भी चलता है"


'लोक अदालतों में सुलझे लाखों केस'


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लोक अदालतों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में त्वरित न्याय का एक और माध्यम लोक अदालतें भी बनी हैं. कई राज्यों में इसे लेकर बहुत अच्छा काम भी हुआ है. उन्होंने कहा, "लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों केसों को सुलझाया गया है."


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