Jammu Kashmir: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (12 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से जुड़े कई अहम प्रोजक्ट का उद्घाटन किया. इसमें  2,941 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई सीमा सड़क संगठन (BRO) की 90 बुनियादी ढांचा परियोजना है.  


इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, '' ये बहुत जरूरी प्रोजक्ट है जो कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में काफी मदद करेंगी.'' 


प्रोजक्ट में क्या है?
बीआरओ के प्रवक्ता ने कहा कि बीआरओ प्रोजक्ट में 10 सीमावर्ती राज्यों और उत्तरी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केंद्र शासित प्रदेशों में 22 सड़कें, 63 पुल, एक सुरंग, दो हवाई पट्टियां और दो हेलीपैड शामिल हैं, इनका निर्माण अधिकांश दुर्गम इलाकों में चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में किया गया है. 





अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख से जुड़ा प्रोजक्ट
बीआरओ अधिकारी ने कहा कि डिजिटल रूप से जिन 89 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें से 36 अरुणाचल प्रदेश में, 25 लद्दाख में, 11 जम्मू- कश्मीर में, पांच मिजोरम में, तीन हिमाचल प्रदेश में, दो-दो सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और एक-एक नगालैंड, राजस्थान और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हैं. 


अरुणाचल प्रदेश पर आए दिन चीन दावा करता है. वहीं लद्दाख में भारत और चाइना के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. इस कारण इस परियोजना को काफी अहम माना जा रहा है. 






उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यहां तैनात सशस्त्र बलों तथा प्राचीन तवांग क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगी. 


प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बागडोगरा और बैरकपुर हवाई अड्डों के पुनर्निर्माण एवं पुनरुद्धार से न केवल सीमाओं पर भारतीय वायु सेना की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी मिलेगी. 


प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा हवाई पट्टी की डिजिटल रूप से नींव भी रखी, जिसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस हवाई पट्टी के निर्माण से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा और उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी.


देवक पुल का महत्व क्या है?
बीआरओ के एक प्रवक्ता ने कहा कि देवक पुल रक्षा बलों के लिए सामरिक महत्व का है. इससे सैनिकों, भारी उपकरणों और मशीनीकृत वाहनों को अग्रिम क्षेत्रों में तेजी से भेजने में मदद मिलेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. 


इनपुट भाषा से भी. 


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