GST से सिर्फ उतनी ही परेशानी होगी जितनी नए नंबर के चश्मे से होती है: पीएम मोदी
नई दिल्लीः स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार जीएसटी देश भर में लागू हो चुका है. 15 सालों के इंतजार के बाद आज जीएसटी को देश भर में लागू करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जीएसटी सिर्फ एक टैक्स सुधार नहीं है, ये आर्थिक सुधार से आगे ईमानदारी की दिशा में आगे ले जाने वाला कदम है. कानून भले ही इसे गुड्स एंड सर्विस टैक्स कहता हो लेकिन मैं इसे ‘गुड और सिंपल’ टैक्स मानता हूं. देश एक आधुनिक टैक्स सिस्टम की ओर बढ़ रहा है. ये नया टैक्स सिस्टम कालेधन और भ्रष्टाचार को रोकने में कारगर होगी और ईमानदारी को अवसर देगी. ये व्यवस्था ज्यादा सरल और पारदर्शी है. GST से सिर्फ उतनी ही परेशानी होगी जितनी नए नंबर के चश्मे से होती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”देश के सभी राज्यों को विकास के समान अवसर प्राप्त होना भी विकास है. आजादी के 70 साल हो रहे हैं, हम नए इंडिया का सपना लेकर चल रहे हैं. जीएसटी इसमें अहम भूमिका निभाएगा. जो लोग आशंकाएं करते हैं मैं उनसे कहूंगा ऐसा ना करें. जब आप अपने डॉक्टर से नंबर लेकर नया चश्मा बनवाते हैं तब भी कुछ दिन आंखों को दिक्कत होती है. जीएसटी से होने वाली परेशानी भी ऐसी ही होगी. अफवाहों का बाजार बंद करें.
गंगानगर से लेकर ईटानगर तक तमाम टैक्स से मुक्ति प्रधानमंत्री ने कहा, “अल्बर्ट आइंसटीन ने कहा था कि समझने के लिए सबसे मुश्किल कोई चीज है तो वो इनकम टैक्स है. मैं सोच रहा हूं कि वो यहां होते तो पता नहीं क्या कहते. जीएसटी आने के बाद गंगानगर से लेकर ईटानगर तक, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप तमाम टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी.
”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जीएसटी कॉपरेटिव फेडरलिज्म की एक मिसाल है जो हमें साथ मिलकर चलने की प्रेरणा देगा. मैं जीएसटी काउंसिल को धन्यवाद देता हूं. मैं उन सब को बधाई देता हूं जिन्होंने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया. ये अजब संयोग है कि गीता में भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुईं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”नई व्यवस्था में 20 लाख तक के कारोबारियों को पूरी तरह छूट है और 75 लाख तक के कारोबार पर भी मामूली टैक्स लगेगा. देश के गरीबों के हित के लिए यह व्यवस्था सबसे ज्यादा कारगर होगी. इससे ईमानदारी व्यापरियों की परेशानी खत्म होगी.
GST हम सब की साझी विरासत है
प्रधानमंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”जीएसटी सिर्फ आर्थिक सुधार तक संभव हो ऐसा नहीं है. ये जो दिशा हमने तय निर्धारित की है, जिस व्यवस्था का निर्माण किया है ये किसी एक दल की सिद्धी नहीं है. ये हम सब की साझी विरासत है. मध्य रात्रि में आज हम एक साथ आए हैं. ये वो जगह है जहां इस देश के अनेक महापुरुषों के चरणों ने इसे पावन किया है. यह सभागार संविधान सभा की पहली सभा का साक्षी है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”राष्ट्र के निर्माण में कई ऐसे मौके आते हैं जब हम नए मुकाम पर पहुंचने की कोशिश करते हैं. आज इस हॉल में मिलकर हम देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं. कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवाशी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. एक नई अर्थव्यवस्था के लिए, संघीय ढांचे के लिए इस पवित्र स्थान से अच्छा कोई नहीं हो सकता.
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