Iconic Week Celebration: पीएम मोदी ने वित्त मंत्रालय की तरफ से सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और बताया कि कैसे उनकी सरकार के कदमों ने उद्यमियों के लिए राह आसान किया है. उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में देश ने जो रिफॉर्म्स किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि हमारे देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वो अपने enterprises आसानी से बना पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं.


उन्होंने कहा कि Reforms- यानि सुधार के साथ ही हमने जिस बात पर फोकस किया, वो है सरलीकरण. Simplification केंद्र और राज्य के अनेक टैक्सों के जाल की जगह अब GST ने ले ली है. इस Simplification का नतीजा भी देश देख रहा है. अब हर महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार जाना सामान्य बात हो गई है.


जटिलताओं को कम किया


प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए 30 हजार से ज्यादा compliances को कम करके, डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को decriminalize करके, हमने ये सुनिश्चित किया है कि भारत की कंपनियां न सिर्फ आगे बढ़ें बल्कि नई ऊंचाई प्राप्त करें.


उन्होंने कहा कि इसलिए आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपना कोई विशिष्ठ योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर जोड़े. उन्होंने आगे कहा कि आज़ादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग dimension को जोड़ा, उसकी ऊर्जा बढ़ाई. किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र–शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म, तो किसी ने intellectually आज़ादी की अलख को जलाने में मदद की.


कोरोनाकाल में 80 करोड़ लोगों को अनाज


उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने – गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया. पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई, सुविधा बढ़ाई. कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई.


प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है. इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है. पहले के समय government-centric गवर्नेंस का देश ने बहुत बड़ा खामियाजा उठाया है. लेकिन आज 21वीं सदी का भारत, People-Centric गवर्नेंस की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है.


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