इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF), मूडीज और Goldman Sachs जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनियाभर में सबसे तेज स्पीड से दौड़ रही है और इस बार का बजट सरकार के सपने 'विकसित भारत' की नींव रखेगा. लोकसभा में सोमवार (22 जुलाई, 2024) को बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वे पेश किया और मंगलवार (23 जुलाई, 2024) को बजट पेश किया जाएगा.


सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन सालों से भारत का ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी 8 फीसदी की रफ्तार पर दौड़ रही है. उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि 60 साल बाद एक ही सरकार लगातार तीसरी बार बजट पेश करने जा रही है. 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सरकार अपनी गारंटियों को जमीन पर उतार रही है और इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है. ये बजट अमृतकाल का एक महत्पूर्ण बजट है. हमें पांच साल को जो अवसर मिला है, आज का बजट हमारे पांच साल के कार्य की दिशा भी तय करेगा और साल 2047, जब आजादी को 100 साल होंगे तब विकसित भारत का जो हमारा सपना है, उस सपने को पूरा करने की मजबूत नींव वाला बजट लेकर हम कल देश के सामने आएंगे.'


इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश का जीडीपी ग्रोथ रेट  6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि महंगाई दर 4.1 फीसदी रहने की संभावना जताई है. साथ ही उन्होंने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कुछ सुझाव भी दिए, जिसकी झलक बजट दिखेगी.


IMF, मूडीज और Goldman Sachs ने भारत की जीडीपी पर क्या है?
आईएमएफ ने 17 जुलाई को भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में 20 पॉइंट्स के सुधार का अनुमान जताया. आईएमएफ ने कहा कि साल 2024-25 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी हो सकता है. हालांकि, 2025-26 में इसमें मामूली गिरावट की संभावना है और यह 6.5 फीसदी की दर से दौड़ सकती है. मूडीज ने भी 9 जुलाई को भारत की इकोनॉमी को लेकर कहा था कि 2024-25 में इसकी रफ्तार 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, Goldman Sachs  ने जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने की बात कही.


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