सूत्रों ने कहा कि मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के कदम के बारे में देर तक बोले.
घाटी में कई स्थानों पर सुरक्षा और संचार पाबंदियां हैं. पाबंदियों का बचाव करते हुए कहा कि यह व्यापक हित के लिए है. उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि संचार और लोगों की आवाजाही पर पूर्ण रोक नहीं है. शाह ने कहा कि पाबंदियां केवल कुछ स्थानों पर लागू हैं जहां सुरक्षा को खतरा है.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके द्वारा हाल में घोषित सुधार के उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कदम उठाने से पहले सभी हितधारकों से मशविरा किया है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा इस महीने के शुरू में समाप्त किये जाने के बाद सरकार राज्य में 100 से अधिक केंद्रीय कानून लागू करने के वास्ते जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार करने को जल्द ही करोड़ों रुपये के पैकेज ला सकती है.
सूत्रों ने कहा कि कई मंत्रालयों की ओर से दिये गए प्रस्तावों पर आधारित पैकेज वास्तव में कितनी राशि का होगा इसकी अभी गणना की जानी है. प्रस्ताव जल्द ही व्यय वित्तपोषण समिति को भेजा जाएगा और घोषणा किये जाने से पहले इसकी केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जांच पड़ताल की जाएगी.
मोदी सरकार का मुखर आलोचक रहा हूं, उन्हें कभी सही नहीं ठहराया- शशि थरूर