नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उन्होंने कहा कि हमारी सीमा में न कोई घुसा है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति और मित्रता चाहता है लेकिन संप्रभुता को कायम रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. हमने उचित कदम उठाने के लिए सेना को खुली छूट दे रखी है.
बता दें कि प्रधानमंत्री की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में 20 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव और एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान सहित दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें शरीक हुए. इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी बैठक में शामिल रहे.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रहे हैं. आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट को प्राथमिकता दी है. नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है. इस कारण जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं. इस बैठक में शामिल सभी नेताओं ने एक स्वर में चीन के हरकत की निंदा की और कहा कि वे इस समय एकजुट हैं.