केंद्रीय बजट 2022 के बाद एक वेबिनार में बोलते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैटरी स्वैपिंग नीति पर विशेष ध्यान दिया है जो हमारी ऊर्जा दक्षता क्षमताओं को बढ़ा सकती है. ईवी पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता में सुधार के लिए हमें टिकाऊ और नया व्यापार मॉडल विकसित करना चाहिए
वेबिनार के दौरान पीएम ने कहा कि आज का विषय 'सतत विकास के लिए ऊर्जा' जोकि न केवल हमारे पारंपरिक ज्ञान से प्रेरित है बल्कि यह देश के भविष्य का भी नेतृत्व करती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि स्थायी ऊर्जा स्रोतों से ही सतत विकास संभव है.
भारत ने 50% ऊर्जा गैर-जीवाश्म ईंधन से निकालने का रखा है लक्ष्य
पीएम ने कहा कि 2030 तक भारत ने अपनी 50% ऊर्जा गैर-जीवाश्म ईंधन से निकालने का लक्ष्य रखा है. यह हमारे लिए अधिक टिकाऊ स्रोत को अपनाने का अवसर है. हमें हाइड्रोजन इकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जिसमें निजी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
पीएम ने यह भी कहा कि इथेनॉल मिलाने के काम को ‘मिशन मोड’ पर रखा गया, हमें अपनी चीनी मिल और भट्टियों को और आधुनिक बनाने की आवश्यकता है. घरेलू उपकरणों सहित अधिक ऊर्जा कुशल उपकरण बनाने की दिशा में काफी कुछ करने की जरूरत है. अक्षय ऊर्जा शक्ति की पर्याप्त उपलब्धता से भारत को फायदा मिलता है, यह हरित हाइड्रोजन का वैश्विक केन्द्र बन सकता है.
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