नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में एक बार फिर मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया है. प्रधानमंत्री ने राज्यों से कहा कि आर्थिक गतिविधियां पुराने स्तर पर लौट रही है लेकिन इसे और ठीक करने की जरुरत है.
पीएम मोदी ने कहा, “पिछले कुछ हफ्ते में हजारों की संख्या में हमारे भाई बहन विदेश से अपने वतन वापस लौटे हैं. बीते हफ्तों में लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने अपने गांव पहुंचे. रेल रोड, एयर, समुद्र सारे मार्ग करीब-करीब अब खुल चुके हैं लेकिन इसके बाद भी हमारी इतनी जनसंख्या होने के बावजूद भारत में कोरोना संक्रमण वैसा विनाशकारी प्रभाव नहीं दिखा पाया जो दुनिया के और देशों में कोरोना वायरस ने दिखाया है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट, हेल्थ के जानकार लॉकडाउन और भारत के लोगों द्वारा दिखाए गए अनुशासन की भारी चर्चा कर रहे हैं. आज भारत में रिकवरी रेट 50 फ़ीसदी से ऊपर चला गया है. आज भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है जहां कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान जीवन बच रहा है. किसी की भी मृत्यु दुखद और असहज कर देने देने वाली है लेकिन यह भी सच है कि आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां कोरोना की वजह से सबसे कम मृत्यु हो रही है. अब अनेक राज्यों के अनुभव आत्मविश्वास जगाते हैं कि भारत कोरोना काल में अपने नुकसान को सीमित करते हुए आगे बढ़ सकता है. अपनी अर्थव्यवस्था को तेजी से संभाल सकता है.”
पीएम मोदी ने कहा, “साथियों बीते 2 हफ्तों ने हमें एक बड़ा सबक यह भी दिया है कि यदि हम नियमों का पालन करते रहें, सारे दिशानिर्देशों को मानते रहे तो करोना संकट से भारत को कम से कम नुकसान होगा. इसलिए मास्क या फेस कवर पर बहुत ज्यादा जोर देना आवश्यक है बिना मास्क या फेस कवर किए घर से बाहर निकलने की अभी कल्पना करना भी सही नहीं है. यह जितना खुद उस व्यक्ति के लिए खतरनाक है उतना ही उसके आसपास के लोगों के लिए भी खतरनाक है. इसलिए 2 गज की दूरी का हमारा मंत्र हो या दिन में कई बार 20 सेकंड के लिए हाथ धोने की बात हो, सैनिटाइजर के इस्तेमाल की बात हो, यह सभी बहुत गंभीरता से किए जाने चाहिए खुद की सुरक्षा के लिए परिवार की सुरक्षा के लिए विशेषकर घर के बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है.”
पीएम मोदी ने कहा,“अब तक लगभग सारे दफ्तर खुल चुके हैं प्राइवेट सेक्टर में भी लोग दफ्तर जाने लगे हैं बाजारों में सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है, थोड़ी सी भी लापरवाही, थोड़ी सी भी ढिलाई, अनुशासन में कमी, कोरोना के खिलाफ हम सभी की लड़ाई कमजोर करेगी. हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे हमारे बाजार खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे और उतने ही रोजगार के अवसर भी बनेंगे. साथियों आने वाले दिनों में अलग-अलग राज्यों में आर्थिक गतिविधियों का जिस तरह से विस्तार होगा उससे मिले अनुभव दूसरे राज्यों को भी बहुत लाभ पहुंचाएंगे. बीते कुछ हफ्तों के प्रयासों से हमारी अर्थव्यवस्था में ग्रीन स्पॉट दिखने लगे हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पावर कंजप्शन जो घटता जा रहा था वह बढ़ना शुरू हुआ है इस साल मई में फर्टिलाइजर की सेल बीते साल मई की अपेक्षा दोगुनी हुई है. इस बार खरीफ की बुआई बीते साल की अपेक्षा करीब 12 से 13 फीसदी ज्यादा हुई है. टू व्हीलर का प्रोडक्शन लॉकडाउन से पहले के स्तर के करीब करीब 70 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है. डिजिटल पेमेंट भी लॉकडाउन से पहले की स्थिति में पहुंच चुका है. इतना ही नहीं मई में टोल कलेक्शन बढ़ोतरी होना गतिविधियों में वृद्धि को दिखाता है. लगातार तीन महीने तक एक्सपोर्ट में कमी के बाद जून में एक्सपोर्ट फिर से बाउंस बैक करके पिछले साल के स्तर तक पहुंच गया है. यह तमाम संकेत हैं जो हमें प्रोत्साहित कर रहे हैं आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.''
प्रधानमंत्री ने कहा, “साथियों अधिकतर राज्य में कृषि, मछली पालन, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों का हिस्सा बहुत बड़ा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बीते कुछ दिनों से इन तमाम सेक्टर के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं. एमएसएमई को सपोर्ट करने के लिए अनेक फैसले हाल में लिए गए हैं. समयबद्ध तरीके से एमएसएमई को बैंक से क्रेडिट दिलाने का प्रयास हो रहा है. 100 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्योगों को 20 फ़ीसदी के अतिरिक्त का लाभ दिया गया है. हम बैंकों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि उद्योग को अतिरिक्त मिले ताकि वह जल्द से जल्द काम शुरू कर पाएं और लोगों को रोजगार दे पाएं, जो छोटे उद्योग हैं. उन्हें गाइडेंस की और हैंड होल्डिंग की बड़ी जरूरत है. मुझे पता है कि आप के नेतृत्व में इस दिशा में काफी काम हो रहा है ट्रेड और इंडस्ट्री अपनी रफ्तार पकड़ रही है. इसके लिए वैल्यू चेंज पर भी हमें मिलकर काम करना होगा.”
पीएम मोदी ने कहा, “राज्य में जहां कहीं भी स्पेसिफिक इकोनॉमिक एक्टिविटी प्वाइंट हैं अगर वहां सामानों की लोडिंग अनलोडिंग तेजी से हो, एक शहर से दूसरे शहर सामान ले जाने में स्थानीय स्तर पर किसी तरह की दिक्कत ना हो तो आर्थिक गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ेगी. किसानों के लिए उनके उत्पादन की मार्केटिंग के मामले में जो प्रयास किए गए उनसे किसानों को ज्यादा लाभ होगा और उनके लिए नए विकल्प उपलब्ध होंगे. इससे किसानों की आय बढ़ेगी और खराब मौसम के कारण और स्टोरेज के अभाव के कारण उन्हें जो नुकसान होता है उसे भी हम कम कर पाएंगे. जब किसान की आय बढ़ेगी तो निश्चित रूप से मांग भी बढ़ेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था की गति भी बढ़ेगी.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “विशेष तौर पर पूर्वोत्तर और आदिवासी इलाकों में ऑर्गेनिक और उद्यानिकी में नए अवसर बनने वालों के लिए नए मार्केट का द्वार खुलने वाला है. लोकल प्रोडक्ट्स के लिए जो cluster-based समिति, योजना के तहत बनाई गई है उसका भी लाभ हर राज्य को होगा इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट की पहचान करें जिनकी प्रोसेसिंग या मार्केटिंग करके एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश और दुनिया के बाजारों में उतार सकें.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “साथियों बीते दिनों आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जितनी भी घोषणा की गई हैं वह एक निश्चित समय सीमा के भीतर जमीन पर उतरे इसके लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा. इस पृष्ठभूमि में कोरोना से लड़ाई और आर्थिक गतिविधियों से जुड़े आपके जो सुझाव हैं, जो तैयारियां हैं वह जानने के लिए मैं बहुत उत्सुक हूं और मुझे पूरा विश्वास है, अनुभव के आधार पर जो बातें आएंगी वह आने वाले समय की रणनीति बनाने के काम आएगी.”