PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जांच हुई शुरू, पंजाब पहुंची केंद्रीय टीम
PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले को लेकर केंद्र की तरफ से एक हाई लेवल जांच कमेटी बनाई गई है, जिसने जांच शुरू कर दी है.
PM Modi Punjab Visit: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ठीक पहले हुई सुरक्षा में चूक मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. लेकिन इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से गठित तीन सदस्यीय जांच टीम मौके पर पहुंची है. केंद्र की इस टीम ने फिरोजपुर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है. ये टीम सबसे पहले फिरोजपुर-मोगा हाईवे पर बने उस फ्लाईओवर पर पहुंची, जहां पर पीएम मोदी के काफिले को रोका गया था.
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई जारी है. वहीं केंद्र की तरफ से एक हाई लेवल पैनल का गठन किया गया था. जो पंजाब पहुंचा है. अब ये पैनल पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों से भी बातचीत कर ये पता लगाने की कोशिश करेगा कि आखिर चूक किस स्तर पर हुई थी.
पंजाब सरकार ने भी बनाई है जांच कमेटी
पंजाब में हुई इस घटना को लेकर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस लगातार बीजेपी के निशाने पर है. ऐसे में पंजाब सरकार की तरफ से भी एक हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है. हालांकि सीएम चन्नी ने सोनिया गांधी के कहने के बाद ये फैसला लिया. जिसे लेकर बीजेपी एक बार फिर उन पर हमलावर है. क्योंकि पंजाब में अगले कुछ ही हफ्तों में चुनाव हो सकते हैं, ऐसे में तमाम राजनीतिक दल इस घटना को लेकर एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं.
5 जनवरी को क्या हुआ था?
बता दें कि 5 जनवरी को प्रधानमंत्री एक चुनावी रैली करने पंजाब दौरे पर थे, कुछ कारणों के चलते उन्हें सड़क से यात्रा करनी पड़ी, लेकिन तभी हाईवे पर उनके काफिले को रोकने के लिए कुछ किसान प्रदर्शन करने उतर आए. प्रदर्शनकारी किसानों के चलते पीएम के काफिले को एक फ्लाईओवर पर ही करीब 20 मिनट तक रुकना पड़ा. जिसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया गया. इसके बाद पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पहुंचकर वहां के कर्मचारियों को कहा कि, अपने सीएम को शुक्रिया कहना कि मैं यहां तक जिंदा लौट पाया हूं.
बता दें कि प्रधानमंत्री अगर सड़क पर चल रहे हैं तो उनका काफिला एक मिनट के लिए भी कहीं नहीं रुकता है. उनके लिए पहले से ही पैसेज तैयार किया जाता है, जिसकी जानकारी इंटेलिजेंस और लोकल पुलिस के अधिकारियों को ही होती है. इसीलिए अब जांच हो रही है कि आखिर किसानों तक ये जानकारी किसने पहुंचाई कि पीएम मोदी कब कहां पर होंगे.