Prime Minister Security Breach in Punjab: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की पंजाब यात्रा (Punjab Visit) के दौरान हुई सुरक्षा में चूक को लेकर जमकर चर्चा हो रही है. कांग्रेस और BJP इसे लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. 1 जनवरी, 2 जनवरी और 4 जनवरी को तीन अलग-अलग मेमो भेजकर पंजाब पुलिस को "आवश्यक डायवर्जन प्लान पहले से बनाने" के निर्देश दिए गए थे. ये मेमो पंजाब पुलिस के आला अधिकारी ने मुख्यमंत्री दफ्तर और अन्य अधिकारियों को भेजे थे.
पुलिस को जो नोट भेजा गया था उसमें कहा गया कि इस तरह की तैयारियों और आकस्मिक कार्रवाई के लिए राज्य प्रशासन और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को एक चेतावनी के साथ "किसान आंदोलन" का हवाला देते हुए उनके मूवमेंट का पूर्वानुमान लगाया जाए. इसके साथ ही रोड ब्लॉक की सूरत में वैकल्पिक मार्ग और सड़क के जरूरी डायवर्जन किए जाएं. इस नोट को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के बठिंडा और फिरोजपुर दौरे से बमुश्किल 24 घंटे पहले भेजा गया था. यह नोट सवाल उठाता है कि क्यों बार-बार मेमो जारी किए जाने के बाद भी पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने लापरवाही बरती?
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पंजाब के एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) नरेश अरोड़ा के नोट में लिखा है, किसी भी धरने के परिणामस्वरूप सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं, इसलिए कृपया आवश्यक यातायात डायवर्जन योजना पहले से बना लें. कृपया अपने SSP को किसानों की योजना का आकलन करने और व्यक्तिगत स्तर पर आवश्यक व्यवस्था करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जानकारी दें. इसे पीएम ड्यूटी पर तैनात नोडल अधिकारी के अलावा 11 एडीजीपी रैंक के अधिकारियों को भेजा गया था.
एबीपी को मिला इंटरनल नोट
ABP न्यूज़ को एडीजीपी का एक और विस्तृत इंटरनल नोट मिला है, जहां पंजाब पुलिस को बारिश की संभावना के बारे में बताया गया था. इसके साथ ही “सड़क निकासी योजना” की मांग की गई थी. सवाल उठता है कि क्या चन्नी सरकार ने जानबूझकर ऐसी सुरक्षा ब्रीफिंग की अनदेखी की, जिससे सार्वजनिक चूक हुई. यह पत्राचार 1 जनवरी को भेजा गया था, जबकि इसमें बरसात के मौसम को ध्यान में रखा गया था.
बारिश का भी जताया गया था अनुमान
सबसे महत्वपूर्ण बारिश के मौसम के कारण सड़क मार्ग के इस्तेमाल का अनुमान भी इंटरनल मेमो में लगाया गया था, इसमें साफ-साफ लिखा गया है कि 5 जनवरी को बारिश की भविष्यवाणी के कारण सीएम और अन्य VIP भी आपके क्षेत्र में सड़क पर विशेष रूप से चंडीगढ़ से फिरोजपुर सेक्टर में जा रहे होंगे, कृपया व्यक्तिगत स्तर पर अग्रिम रूप से मार्ग व्यवस्था की योजना बनाएं. यही बात 1 जनवरी के पत्राचार में कही गयी है.
फिर क्यों हो रही राजनीति
4 जनवरी के नोट में भी इस तरह की घटना के बारे में आगाह किया गया था और किसी भी प्रदर्शनकारियों या प्रेरित राजनीतिक संगठनों को वहां पहुंचने से रोकने की बात भी की गई थी. इसमें कहा गया है, आपको आगे किसानों की आवाजाही पर नजर रखने का निर्देश दिया जाता है और उन्हें रैली को बाधित करने के लिए जिला फिरोजपुर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. सीएम चन्नी सहित कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी का सड़क मार्ग से यात्रा करने का कार्यक्रम अंतिम समय में बदला गया था, भले ही राज्य की पुलिस ने उन्हें तीन बार पत्र लिखकर वैकल्पिक मार्ग योजना तैयार करने की चेतावनी दी थी, खराब मौसम और किसान आंदोलन दोनो को ध्यान में रखते हुए ये बार-बार कहा गया था.
पंजाब पुलिस ने न केवल हुसैनीवाला सीमा सहित शहर के सभी नाका बिंदुओं और प्रमुख स्थानों पर बल की तैनाती के लिए कहा था, इस मेमो में साफ लिखा गया है कि पंजाब के सभी जिलों से आयोजकों द्वारा लगभग 1 लाख लोगों को जुटाया जा रहा है, वहां यातायात और बड़ी संख्या में वाहन होने की संभावना है, आपसे अनुरोध है कि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बल तैनात करके यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अपने क्षेत्र में आवश्यक यातायात और मार्ग की व्यवस्था करें.
ये था 2 जनवरी को भेजा गया नोट
उस साइट से कई वीडियो सामने आए हैं, जहां किसान और आंदोलनकारी सार्वजनिक संबोधन स्थल के आसपास और राजमार्ग पर इकट्ठा होते दिखाई दे रहे हैं, जहां से मोदी के काफिले को गुजरना था. 2 जनवरी को भेजा गया संदेश और भी विस्तृत था और यहां तक कि राज्य पुलिस को 5 जनवरी के कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समूह (NSG) के साथ आसानी से गठजोड़ करने का निर्देश दिया था.
फिरोजपुर गन्ने के खेतों, नालियों और नलकूपों की भूमि है, इन्हें तैनाती के रूप में ध्यान में रखें. हुसैनीवाला में हेलीपैड बिना हथियार के गहन तैनाती के लिए सावधान रहें. विस्फोटकों के लिए खोजी कुत्तों का व्यापक उपयोग. कृपया सुनिश्चित करें कि प्रदर्शनकारी रैली मार्ग को अवरुद्ध न करें. अग्रिम वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाएं. पीएम मोदी की सुरक्षा में इसे बड़ी चूक माना जा रहा है. प्रधानमंत्री को बुधवार को अपने प्यारेआना गाव में अपने वाहन में इंतजार करते देखा गया. SPG अधिकारी वहां पीएम की सुरक्षा के लिए दिखाई दिए और काफिले को फ्लाईओवर पर 20 मिनट के इंतजार के बाद यू-टर्न लेना पड़ा.