(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आज SCO की बैठक में हिस्सा लेने कजाकिस्तान जाएंगे मोदी, भारत को मिलेगा पूर्ण सदस्य का दर्जा
नई दिल्ली: आज पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर कजाकिस्तान दौरे पर रवाना हो रहे हैं. कजाकिस्तान में भारत शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेगा. इस बार भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को इस संगठन की सदस्यता मिलने वाली है. बैठक में भारत का जोर पाकिस्तान को बेनकाब पर रहेगा.
कजाकिस्तान के अस्ताना में हो रही है शंघाई सहयोग संगठन की बैठक जिसमें शामिल देशों के शीर्ष नेता शामिल होंगे. भारत भी अपने हितों की रक्षा के लिए इस संगठन में शामिल होने जा रहा है.
आतंक के खिलाफ लड़ाई एक सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरा है भारत
शंघाई सहयोग संगठन में शामिल देशों के नेता दुनिया की आधी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. मिलिट्री सहयोग, इंटेलिजेंस का अदान प्रदान और आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी इस संगठन का मुख्य उद्देश्य है. मोदी के प्रधानमंत्री बनाने के बाद भारत दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एक सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरा है, इसलिए भी भारत को इसका हिस्सा बनाया जा रहा है.
पाकिस्तान को बेनकाब करेगा भारत!
शंघाई सहयोग संगठन् की बैठक में भले ही मोदी और नवाज़ की बातचीत न हो, लेकिन मोदी पाकिस्तान को घेरने और करारा जवाब देने का कोई मौका नही छोड़ेंगे. भारत इस मंच से नाम लिए बिना पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत के पास अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तन को घेरने और शर्मसार करने का मौका है.
पीएम ने बयान जारी कर कहा है, ‘’हमने पिछले साल ताशकंद में प्रक्रिया की शुरूआत की थी. हम एस सी ओ के जरिए आर्थिक और क्षेत्रिय जुडाव के साथ-साथ आतंकवाद के विरोध पर आपसी सहयोग को मजबूत होने की उम्मीद कर रहे हैं.’’
शंघाई सहयोग संगठन का जन्म भी मिलिट्री सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ गुप्त सूचनाओं की साझेदारी के लिए हुआ था. 1996 में पांच देशों चीन, रूस, कज़ाकस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ने आपस में सहयोग का वादा किया था. इसे शंघाई फ़ाइव कहा गया था .जून 2001 इन पांचों ने उज्बेकिस्तान को साथ लेकर शंघाई सहयोगी संगठन शुरू किया. शंघाई सहयोग संगठन के छह सदस्य देशों का भूभाग यूरोशिया का 60 प्रतिशत है. यहां दुनिया के एक चौथाई लोग रहते हैं. 2005 में भारत पहली बार बैठक में शामिल हुआ. संगठन का मकसद आपस में सहोयग बढाना है.
एससीओ चीन के दबदबे वाला संगठन है. जिसमें पाकिस्तान भी शामिल होने जा रहा है. ऐसे में भारत के लिए पाकिस्तान की काट और मध्य एशिया में अपनी जगह बनाने के लिए इस संगठन में शामिल होना जरूरी है.