'महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम', पीएम मोदी ने शेयर की अमृत स्नान की तस्वीरें
Mahakumbh: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 2 बजे तक 2 करोड़ लोगों ने महाकुंभ में पवित्र स्नान कर लिया है. जूना अखाड़ा के साथ साथ अब तक सात संन्यासी अखाड़ों में स्नान कर चुके हैं.
Mahakumbh: प्रयागराज में महाकुंभ के महापर्व का आरंभ हो गया है. बीते रोज सोमवार (13 जनवरी, 2024) को कुंभ का पहला स्नान हुआ और देश भर के कोने कोने से लोग यहां शामिल होने पहुंचे हैं. कुंभ में न केवल देश बल्कि विदेशों के भी श्रद्धालु पवित्र स्नान करने पहुंचे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर मकर संक्रांति के पर्व पर जनता को शुभकामनाएं दी और महाकुंभ की तस्वीरें शेयर की हैं.
पीएम मोदी ने कुंभ की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम! मकर संक्रांति महापर्व पर महाकुंभ में प्रथम अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. महाकुंभ की कुछ तस्वीरें…”
2 करोड़ लोग कर चुके स्नान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 2 बजे तक 2 करोड़ लोगों ने महाकुंभ में पवित्र स्नान कर लिया है. वहीं मंगलवार को की सुबह 6.15 बजे से पहला अमृत (शाही) स्नान शुरू हुआ. श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी रही कि काबू करने के लिए आर्मी को स्टैंड बाई पर रखा गया. खास बात ये है कि जूना अखाड़ा के साथ साथ अब तक सात संन्यासी अखाड़ों में स्नान कर चुके हैं. इसके बाद अब वैरागी अखाड़ों के संत भी संगम की ओर स्नान करने निकले हैं. पहली बार ऐसा हुआ है कि महाकुंभ के शाही स्नान को अमृत स्नान कहा गया है. कई अखाड़ों ने ये नाम बदलने का प्रस्ताव भी दिया है.
महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम!
— Narendra Modi (@narendramodi) January 14, 2025
मकर संक्रांति महापर्व पर महाकुंभ में प्रथम अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन।
महाकुंभ की कुछ तस्वीरें… pic.twitter.com/xAemEtfa5c
144 साल बाद आया दुर्लभ संयोग
इस साल 2025 में आया महाकुंभ 1444 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है. ये वहीं संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था.
20 देशों के श्रद्धालु पहुंचे
विदेशी श्रद्धालुओं की बात करें तो महाकुंभ के लिए देश के कोने कोने से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. सरकारी आंकड़े के अनुसार, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं और अब वह अपने 45 दिनों का कल्पवास शुरू करने वाले हैं.
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