नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लेकर असम में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण भारत और जापान के बीच होने वाली शिखर वार्ता पर संशय के बादल बरकरार है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गुवाहाटी में 15-17 दिसम्बर के बीच होने वाली शिखर मुलाकात की तैयारियां भले चल रही हों, लेकिन भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसका एलान अभी तक नहीं किया है.


अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं- विदेश मंत्रालय


भारत और जापान के बीच 15-17 दिसम्बर के बीच शिखर वार्ता का बीते सप्ताह एलान कर चुके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को इस बाबत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. गुवाहाटी में दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में एबीपी न्यूज़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस बारे में अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है. जब इस बारे में स्पष्टता जो जाएगी तो उसे जाहिर कर दिया जाएगा. यहां तक कि रवीश कुमार शिखर वार्ता की पूर्व घोषित तारीखों को दोहराने से भी बचते नज़र आए.


सुरक्षा हालात को ध्यान में रखकर लिया जाएगा फैसला


सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गुवाहाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने की कोशिशों के साथ ही भारत-जापान शिखर बैठक के आयोजन की तैयारियां भी अभी तक चल रही हैं. हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय सुरक्षा हालात को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा.


15-17 दिसम्बर तक भारत के आधिकारिक दौरे पर रह सकते हैं शिंजो


प्रस्तावित योजना के मुताबिक जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 15-17 दिसम्बर तक भारत के आधिकारिक दौरे होंगे. दोनों नेताओं के बीच 16 दिसम्बर को गुवाहाटी में आधिकारिक वार्ता का कार्यक्रम बनाया गया था. तैयारियों की कड़ी में पीएमओ समेत विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों की टीम भी गुवाहाटी में है.


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