नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए आज सिविल सेवा दिवस पर विज्ञान भवन में नौकरशाहों को सम्मानित किया. इस दौरान पीएम ने नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा कि नौकरशाहों की चुनौतियां पहले से बढ़ गई हैं. पीएम ने कहा कि अगर काम करने का तरीका बदलेंगे तो चुनौतियां अवसर में बदल जाएंगी.


पीएम मोदी ने कहा, ‘’ये कॉम्पटीशन का दौर है इसलिए चुनौतियां बड़ी हैं. पिछले 20 सालों में काफी बदलाव हुए हैं. इस एक साल में गुणात्मक बदलाव होने चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘’सिविल सेवा में मेधावी लोग आते हैं इसलिए काम भी उसी तरह होना चाहिए.’’


 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि सुधारों को लेकर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी उनमें नहीं है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ हटकर सोचा जाए और सरकार नियामक के तौर पर नहीं, बल्कि सक्षम बनाने वाली इकाई के तौर पर सामने आए.

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति सुधार ला सकती है लेकिन अफसरशाही का काम और जनता की भागीदारी बदलाव ला सकती है. हमें इन सबको एकसाथ लाना होगा.’’ मोदी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या उनका अनुभव एक बोझ बनता जा रहा है? प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की भूमिका बहुत प्रबल है लेकिन पिछले 15 साल में चीजें बदल गई हैं.

दो दिवसीय सिविल सेवा दिवस समारोह गुरुवार को शुरु हुआ था. प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राथमिक तौर पर पांच प्रमुख कार्यक्रमों प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट और स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के क्रियान्वयन में उत्कृष्टता पर आधारित हैं.

इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास आदि क्षेत्रों में इनोवेटिवन कामों के लिए भी पुरस्कार दिए गए.