नई दिल्ली: 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज 80 प्रतिशत एक्टिव केस देश के दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है. कहीं न कहीं ये एक भाव आज निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा.


पीएम मोदी ने कहा, एक्टिव केस का प्रतिशत कम हुआ है, रिकवरी रेट बढ़ा है. तो इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास कारगर सिद्ध हो रहे हैं! सबसे अहम बात है कि इससे लोगों के बीच भी एक भरोसा बढ़ा है, आत्मविश्वास बढ़ा है और डर भी कुछ कम हुआ है. जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां पॉजिटिव रेट ज्यादा है, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है! खासतौर पर, बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना. यहां टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है.


"72 घंटों में केस की पहचान कर लें, तो संक्रमण धीमा हो जाता है"
पीएम मोदी ने कहा, अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस, सबसे प्रभावी हथियार है! अब जनता भी इस बात को समझ रही है, लोग सहयोग कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स अब ये कह रहे हैं कि अगर हम शुरुआत के 72 घंटों में ही केस की पहचान कर लें, तो ये संक्रमण काफी हद तक धीमा हो जाता है.


उन्होंने ये भी कहा, टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है. इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं. हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुकाबले काफी कम थी, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है.


बता दें, देश में कोरोना की स्थिति गंभीर होती जा रही है. पिछले 25 दिनों में 12 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज बढ़े हैं. इस बीच कोरोना वायरस की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा की. पीएम मोदी ने दस सबसे प्रभावित राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की. दस में से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और बिहार में बीजेपी और उसके गठबंधन दलों की सरकारें हैं.


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