PM Modi In Rajya Sabha: 'नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखा...', राज्यसभा में पीएम मोदी ने पूछा, कांग्रेस ने दिलाई मनमोहन सिंह की याद | 10 बड़ी बातें
PM Modi Speech: पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधा. पीएम की स्पीच पर कांग्रेस की ओर से भी जोरदार पलटवार किया गया है.
PM Modi Speech In Rajya Sabha: पीएम मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी) को राज्यसभा में विपक्षियों पर जोरदार हमला बोला. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), नेहरू सरनेम का जिक्र करते हुए गांधी परिवार पर कटाक्ष भी किया. पीएम के संबोधन पर कांग्रेस (Congress) नेताओं की ओर से भी पलटवार किया गया है. जानिए इस वार-पलटवार से जुड़ी बड़ी बातें.
1. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को सरकारी योजनाओं के नामों में संस्कृत के शब्दों से परेशानी होती है. मैंने न्यूज़ पेपर में पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं. अगर हम कहीं भी नेहरू का उल्लेख करने से चूक जाते हैं, तो वे (कांग्रेस) परेशान हो जाते हैं. नेहरू इतने महान व्यक्ति थे, फिर उनमें से कोई भी नेहरू उपनाम का उपयोग क्यों नहीं करता. नेहरू नाम का उपयोग करने में क्या शर्म है. इतना महान व्यक्तित्व परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते हो.
2. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे कहते हैं कि हम राज्य सरकारों को परेशान करते रहते हैं, लेकिन उन्होंने 90 बार चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराया है. एक कांग्रेसी पीएम ने निर्वाचित राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए 50 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया- वह इंदिरा गांधी थीं. यह देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं है. केरल में कम्युनिस्ट सरकार चुनी गई जिसे पंडित नेहरू ने पसंद नहीं किया और उसे गिरा दिया गया. तमिलनाडु में भी एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को कांग्रेस के लोगों ने बर्खास्त कर दिया. शरद पवार की सरकार भी गिरा दी गई.
3. पीएम के संबोधन के बीच विपक्षी सांसद हंगामा भी करते रहे. अडानी समूह से जुड़े आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी जारी रखी. इसपर पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि कुछ सदस्यों का आचरण और लहजा पूरे देश के लिए निराशाजनक है. मैं ऐसे लोगों से कहूंगा- 'कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल...'- आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा.
4. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे. जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे. तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे. कांग्रेस को देश बार-बार नकार रहा है, लेकिन फिर भी कांग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही. जनता न केवल उनको देख रही है बल्कि सजा भी दे रही है.
5. विपक्षी सदस्यों ने इस दौरान "मोदी-अडानी भाई-भाई" के नारे लगाए. इसपर भी पीएम मोदी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि एक अकेला व्यक्ति इतनों पर भारी पड़ रहा है. मैं देश के लिए जीता हूं. मैं देश के लिए कुछ करने निकला हूं. राजनीतिक खेल खेलने वालों में वह साहस नहीं है. वे खुद को बचाने का रास्ता ढूंढ रहे हैं.
6. पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस नेताओं की ओर से जोरदार पलटवार किया गया. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमने आज भी राज्यसभा में प्रधानमंत्री का ड्रामा देखा. असल मुद्दा विपक्ष का जेपीसी की मांग है जिसके लिए विपक्ष वेल में आ गया था. पीएम सभी मुद्दों पर बात कर रहे हैं, लेकिन इस (अडानी) मुद्दे पर नहीं कर रहे. उन्होंने इतने नाम बदले और कई नाम तो अपने नेताओं के नाम पर रखे.
7. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जून 2004 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने के लिए बीजेपी की ओर से अनुमति नहीं दी गई थी. मजबूरन उसे सदन के पटल पर रखना पड़ा. आज हमने राज्यसभा में मर्यादा पर लंबे प्रवचन सुने.
8. पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि ये सूचना गलत है, इंदिरा गांधी ने जितने भी नामांकन भरे हैं सब में वे इंदिरा नेहरू गांधी लिखती थीं. ये आरोप गलत हैं. हमने नारे इसलिए लगाए क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के तमाम अंश काट दिए गए थे, हम उस पर सवाल उठाना चाहते थे पर हमें अनुमति नहीं मिली.
9. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री पर अडानी विवाद पर "राष्ट्र को गुमराह करने" का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि बैंक उद्योगपति गौतम अडानी को भारी लोन क्यों दे रहे हैं. जबकि एक आम आदमी को लोन लेने के लिए कितनी परेशानी हो रही है. खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में हिंडनबर्ग-अडानी विवाद पर जवाब देने से पल्ला झाड़ लिया.
10. मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि उन्होंने अडानी मुद्दे पर संसद में कोई जवाब नहीं दिया. पीएम मोदी (PM Modi) की ओर से किसी और को दोष देना और अडानी विवाद पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना समझदारी नहीं है. केंद्र सरकार विपक्ष में भय की भावना पैदा करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी जांच एजेंसियों को पीछे लगा रही है, लेकिन कांग्रेस (Congress) पार्टी झुकने वाली नहीं है. उन्हें जो करना है करने दीजिए, हम न्याय के लिए लड़ेंगे, हम जनता के लिए लड़ेंगे.
ये भी पढ़ें-