PM Modi Speech in Rajya Sabha: पीएम मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी) को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में विपक्षियों पर जमकर हमला बोला. कीचड़-कमल पर शायरी, सेक्युलरिज्म (Secularism) की परिभाषा, नेहरू-गांधी परिवार पर सरनेम वाला वार, नारेबाजी कर रहे रहे विपक्षी सांसदों पर पलटवार, ये सभी बातें पीएम मोदी (PM Modi) के संबोधन में देखने को मिली. जानिए पीएम के संबोधन की 10 बड़ी बातें. 


1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देना शुरू किया तो विपक्षी सदस्यों ने "मोदी-अडानी भाई-भाई" के नारे लगाने शुरू कर दिए. पूरे भाषण के दौरान विपक्ष सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी करता रहा. पीएम मोदी ने जोशीले अंदाज में इस नारेबाजी पर भी पलटवार किया और कहा कि देश देख रहा है कि कैसे एक व्यक्ति कइयों पर भारी पड़ा रहा है और डटकर सामना कर रहा है. उनके (विपक्षी दलों के) पास पर्याप्त नारे नहीं हैं और उन्हें अपने नारे बदलने होंगे. मैं देश के लिए जी रहा हूं. 


2. सदन में पीएम का शायराना अंदाज भी देखने को मिला. उन्होंने कहा कि बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है. इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन बल्कि देश को निराश करने वाली है. शायराना अंदाज में पीएम ने कहा कि इस प्रकार की वृत्ति वालों को मैं यही कहूंगा- 'कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल...'- आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा.


3. कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि खरगे जी के दावे के अनुसार कांग्रेस का नींव बनाने का इरादा हो सकता है, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान केवल गड्ढों को खोदा. 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे. हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने ऐसा किया. जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे, तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे. 


4. पीएम मोदी ने आगे कहा कि उन्होंने बैंकों का एकीकरण इस इरादे से किया था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाए थे. हमने स्थायी हल निकालते हुए जन-धन बैंक खाते खोले. इसके जरिए देश के गांव तक को प्रगति पर ले जाने का काम हुआ है. पीएम ने कहा कि 90,000 स्टार्टअप ने लोगों के लिए नौकरी के अवसर खोले हैं. अप्रैल से नवंबर 2022 तक, एक करोड़ से अधिक लोगों ने ईपीएफओ पेरोल के तहत नामांकन किया है. बीते 9 सालों में अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है और नए सेक्टर में रोजगार की नई संभावनाएं बनी हैं.


5. कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खरगे जी शिकायत करते हैं कि मैं कालाबुरगी जाता हूं. उन्हें वहां के काम को देखना चाहिए. कर्नाटक में कालाबुरगी में 8 लाख से अधिक खातों सहित 1.70 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं. इतने सारे लोग सशक्त हो रहे हैं, किसी का खाता बंद हो रहा है, मैं दर्द समझ सकता हूं. देश बार-बार कांग्रेस को नकार रहा है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है. जनता न केवल उनको देख रही है बल्कि सजा भी दे रही है.


6. पीएम मोदी ने आगे कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल- ये वो त्रिशक्ति हैं, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं. इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया. अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है. पीएम ने कहा कि इनकी राजनीति, अर्थ नीति और समाज नीति वोटबैंक के आधार पर ही चलती थी, लेकिन हमने रेहड़ी-ठेले पटरी वालों की चिंता की. पीएम-स्वनिधि और पीएम-विकास योजना के जरिए हमने समाज के एक बड़े वर्ग का सामर्थ्य बढ़ाने का काम किया है.


7. सच्ची धर्मनिरपेक्षता को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि विकास की गति क्या है, नीयत क्या है, दिशा क्या है, परिणाम क्या है, यह बहुत मायने रखता है. हम जनता की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के आधार पर मेहनत और परिश्रम कर रहे हैं. दिन-रात खुद को खपाना पड़ेगा तो खपाएंगे, लेकिन देश की आशाओं को चोट नहीं पहुंचने देंगे. हर योजना के जो लाभार्थी हैं उन तक इसका शत-प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे हम इसे सुनिश्चित कर रहे हैं. सच्ची धर्मनिरपेक्षता तो यही है और हमारी सरकार इस राह पर निरंतर आगे बढ़ रही है. 


8. आदिवासियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हमारे आदिवासियों का योगदान स्वर्णिम पृष्ठों से भरा हुआ है, लेकिन दशकों तक हमारे आदिवासी विकास से वंचित रहे और विश्वास का सेतु तो कभी बन ही नहीं पाया. अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के कल्याण के प्रति समर्पण भाव से काम किया होता तो हमको इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. यह अटल जी की ही सरकार थी जिसमें पहली बार आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बना था. हमने आदिवासी बच्चों के लिए 500 नए एकलव्य स्कूल स्वीकृत किए हैं. 2014 से पहले आदिवासी परिवारों को 14 लाख जमीन के पट्टे दिए गए थे जबकि हमने बीते कुछ वर्षों में ही 7 लाख से अधिक पट्टे दिए हैं.


9. नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को सरकारी योजनाओं के नामों में संस्कृत के शब्दों से भी समस्या है. मैंने पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं. फिर भी ये नेहरू जी का नाम नहीं लेते हैं. मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है? क्या शर्मिंदगी है? इतना बड़ा व्यक्ति है तो शर्मिंदगी क्या है और आप हमारा हिसाब मांगते हो. ये देश सदियों पुराना, जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ है, ये देश किसी परिवार की जागीर नहीं है.


10. पीएम मोदी (PM Modi) ने यह भी कहा कि जब ये विपक्षी दल सत्ता में थे तो राज्यों का हक छीन लिया. अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) का इस्तेमाल विपक्ष की सरकार ने 90 बार किया. पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि किस पार्टी ने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया? कौन थे वो लोग? एक प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया और वह नाम है इंदिरा गांधी. केरल में कम्युनिस्ट सरकार चुनी गई जिसे पंडित नेहरू ने पसंद नहीं किया और उसे गिरा दिया गया. 


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