Prime Minister Modi Speech On Agradoot Golden Jublee: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को कहा कि जब संवाद होता है, तब समाधान निकलता है. संवाद से ही संभावनाओं का विस्तार होता है. पीएम असम के प्रतिष्ठित दैनिक डेली अखबार अग्रदूत (Agradoot) के 50 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान जब लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ तब भी दैनिक अग्रदूत ने पत्रकारीय मूल्यों से समझौता नहीं किया. मेरी भी समय-समय पर इसको लेकर बातचीत होती रही है. मैं आज असम के लोगों को अग्रदूत के पाठकों को ये भरोसा दिलाता हूं कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उनकी मुश्किलें कम करने में जुटी है.
बाढ़ से जूझ रहा है असम
पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिनों से असम बाढ़ के रूप में बड़ी चुनौती और कठिनाइयों का सामना भी कर रहा है. असम के अनेक जिलों में सामान्य जीवन बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. हेमंत बिस्वा सरमा और उनकी टीम राहत और बचाव के लिए दिन रात बहुत मेहनत कर रही है. दैनिक अग्रदूत के पिछले 50 वर्षों की यात्रा असम में हुए बदलाव की कहानी सुनाती है. जन आंदोलनों ने इस बदलाव को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है. जन आंदोलनों ने असम की सांस्कृतिक विरासत और असमिया गौरव की रक्षा की और अब जन भागीदारी की बदौलत असम विकास की नई गाथा लिख रहा है.
संवाद से होता है संभावनाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब संवाद होता है तब समाधान निकलता है. संवाद से ही संभावनाओं का विस्तार होता है. इसलिए भारतीय लोकतंत्र में ज्ञान के प्रवाह के साथ ही सूचना का प्रवाह भी अविरल और निरंतर बह रहा है. आज़ादी के 75 वर्ष जब हम पूरा कर रहे हैं तब एक प्रश्न हमें ज़रूर पूछना चाहिए. Intellectual Space किसी विशेष भाषा को जानने वाले कुछ लोगों तक ही सीमित क्यों रहना चाहिए? ये सवाल सिर्फ इमोशन का नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक लॉजिक का भी है.
गुलामी के दौरान रिसर्च को एक ही भाषा तक सीमित कर दिया गया
पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड में भारतीय भाषाओं के विस्तार को रोका गया और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान, रिसर्च को इक्का-दुक्का भाषाओं तक सीमित कर दिया गया. भारत के बहुत बड़े वर्ग की उन भाषाओं तक उस ज्ञान तक एक्सेस ही नहीं था. यानि इंटेलेक्ट का, एक्सपेटाइज का दायरा निरंतर सिकुड़ता गया. जिससे इन्वेंशन और इनोवेशन का पूल भी लिमिटेड हो गया.
सूचना से नहीं रहने देंगे वंचित
पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी भारतीय अच्छी सूचना, अच्छे ज्ञान, अच्छी तकनीक और अच्छे मौकों से भाषा के कारण वंचित नहीं रहे, यही हमारा प्रयास है. इसलिए हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई को प्रोत्साहन दिया. स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान में हमारे मीडिया ने जो सकारात्मक भूमिका निभाई है उसकी पूरे देश और दुनिया में आज भी सराहना होती है. इसी तरह अमृत महोत्सव में देश के संकल्पों में भी आप भागीदार बन सकते हैं.