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मुद्रा योजना के जरिए पीएम मोदी ने साधा देश का पैसा लेकर भागने वालों पर निशाना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को की थी. इसका मकसद छोटे और मझोले उद्यमियों को गैर- कारपोरेट और गैर- कृषि काम के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना था.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उन योजना का लाभ पाने वाले लोगों से बात कर रहे हैं, जो योजनाएं सरकार चल रही है. कल पीएम मोदी मुफ्त रसोई गैस की योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं से मिले थे. वहीं, आज पीएम ने मुद्रा योजना में लोन पाने वालों से बात की है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि छोटे लोग ईमानदारी से पैसा वापस करते हैं, जबकि बड़े लोग पैसा लेकर भाग जाते हैं.
पीएम मोदी ने खुद को बताया चायवाला
बता दें कि मुद्रा योजना में नए उद्यमी को कारोबार के लिए लोन दिया जाता है. लोगों से बात करते हुए पीएम मोदी ने खुद को चायवाला बताया. पीएम मोदी ने आज देश का पैसा लेकर भागने वालों पर निशाना साधा और ऐसे छोटे लोगों की तारीफ की जो ईमानदारी से पैसे चुकाते हैं.
मुद्रा योजना शुरू करने वाले पीएम मोदी ने पिछली सरकारों के वित्त मंत्रियों पर भी निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोन उनको मिलते थे, जिसकी पहचान होती थी. पिछली सरकारों में सीएम या वित्त मंत्री खुद फोन कर अपने पसंद के उद्यमियों को लोन दिलवाते थे. मोदी ने कांग्रेस को घेरा ये कहते हुए कि कांग्रेस नारे देती रही और गरीबी के नाम पर देश को गुमराह करती रही.
उद्योगपतियों को लेकर मोदी पर निशाना साधते रहे हैं राहुल
गौरतलब है कि पीएम मोदी की सरकार में जब से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पीएनबी घोटाला सामने आया है तभी से सरकार पर हमले तेज हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर कहते हैं कि पीएम मोदी के दोस्त उद्योगपति हैं और वो उन्हीं के लिए काम करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 12 करोड़ लाभार्थियों को छह लाख करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण बांटे हैं. यह कार्य, उनकी सरकार की गैर-वित्तपोषित को वित्तपोषित करने की पहल के तहत किया गया है.
3.25 करोड़ लोग पहली बार उद्यम शुरु करने वाले हैं- मोदी मुद्रा ऋण के लाभार्थियों के साथ एक बातचीत में मोदी ने कहा, ‘‘ इन 12 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 28 प्रतिशत यानी 3.25 करोड़ लोग पहली बार उद्यम शुरु करने वाले लोग हैं.’’ उन्होंने कहा कि इसमें 74% लाभार्थी महिलाएं हैं जो संख्या में करीब नौ करोड़ हैं. 55% ऋण अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को की थी. इसका मकसद छोटे और मझोले उद्यमियों को गैर- कारपोरेट और गैर- कृषि काम के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना था.I thank these Ujjwala beneficiaries from Anantnag in Jammu and Kashmir. Their blessings, that too during the Holy Month of Ramzan are special. pic.twitter.com/BiaC3R83QT
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2018
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