गुजरात: आज से जम्मू कश्मीर और लद्दाख, केंद्र शासित राज्य बन गए. पीएम ने कहा सरदार पटेल का सपना सच हो गया, नए विश्वास और भरोसे की शुरुआत आज से हुई है. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी पर पीएम नरेंद्र मोदी गरज रहे थे. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने एक बार कहा था कि अगर जम्मू कश्मीर पर वह फैसला लेते तो यह समस्या कब की हल हो गई होती. पीएम ने कहा कि धारा 370 की वजह से सिर्फ आतंकवाद और अलगाववाद ही पनपा. आज से नई शुरुआत हो रही है.


अब हम आपको बताते हैं कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित राज्य बनने से क्या क्या बदलेगा.


जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में राज्यपाल के बजाय अब उपराज्यपाल राज्य के मुखिया होंगे. संविधान के अनुच्छेद 239 ए के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. यही अनुच्छेद जम्मू कश्मीर और लद्दाख में उपराज्यपाल को राज्य का मुखिया बनाता है. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस की कमान उपराज्यपाल के हाथ में होगी, यानी उपराज्यपाल के जरिए कानून-व्यवस्था का मामला केंद्र सरकार के पास होगा, जबकि जमीन से जुड़े मामले विधानसभा के पास ही होंगे. हालांकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होने की वजह से यह सभी मामले सीधे उपराज्यपाल के अधीन होंगे.



जम्मू कश्मीर की भौगोलिक सीमा तो बदलेगी ही साथ ही साथ जम्मू कश्मीर में विधानसभा की सीटों में भी इजाफा होगा. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के मुताबिक सरकार और चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर की विधानसभा का परिसीमन करेंगे, जिसके बाद विधानसभा की सीटें बढ़ जाएगी. अभी जम्मू कश्मीर में 83 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं, जबकि 24 विधानसभा सीटें पाक अधिकृत कश्मीर में है जिन पर चुनाव नहीं होते हैं. इस तरह जम्मू-कश्मीर में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 107 थी जो नए परिसीमन के बाद एक से 114 तक पहुंच सकती है. यह विधानसभा सीटें जम्मू क्षेत्र में बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि कश्मीर से ज्यादा आबादी जम्मू क्षेत्र की है. जम्मू कश्मीर में 5 लोकसभा और लद्दाख में एक लोकसभा सीट होगी.



जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक ही हाईकोर्ट होगा. एक ही हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में दोनों केंद्र शासित राज्य आएंगे. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, अन्य जज और स्टाफ का खर्चा, तनख्वाह दोनों प्रदेशों की जनसंख्या के अनुपात और आधार पर वहन करेगें. केंद्र के 106 कानून अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू होंगे. धारा 370 की वजह से जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था जिस वजह से देश के 106 कानून नियम लागू नहीं होते थे. आधार एक्ट, हिंदू मैरिज एक्ट, आरटीआई एक्ट और शत्रु संपत्ति एक्ट जैसे 106 कानून अब यहां भी लागू होंगे इसके अलावा डेढ़ सौ ऐसे कानून जो जम्मू कश्मीर की विधानसभा ने बनाए थे वह अब रद्द हो जाएंगे.


अब जम्मू-कश्मीर और देश के दूसरे राज्यों में कोई फर्क नहीं, जानें आज से क्या कुछ बदल गया है


अगले कुछ दिनों में या यूं कहें कि अगले 1 साल में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन आयोग के अधीन राज्य की संपत्तियों का बंटवारा जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच होगा. इसमें राज्य के बाहर दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य प्रदेशों में राज्य की संपत्तियों का भी दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बीच बंटवारा होगा. साथ ही साथ राज्य के आईएएस और आईपीएस अफसरों का काडर बदल कर यूटी काडर कर दिया जाएगा.