पीएम मोदी ने की पोलैंड के राष्ट्रपति से बात, पुराने संबंधों का दिया हवाला, भारतीयों की मदद पर जानें और क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2001 में आये गुजरात भूकंप में पोलैंड ने मदद की पेशकश की थी तो वहीं जामनगर के राजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कई पोलिश परिवारों और बच्चों को शरण दी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति से बात की और उनसे पोलैंड द्वारा भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने में की जा रही मदद को लेकर धन्यवाद दिया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन की सीमा पार कर पोलैंड पहुंचने वाले लोगों को वीजा में काफी छूट दी गई है और यहां आये लोगों को हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है.
पोलैंड में भारत के दूतावास द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच पुराने संबंधों की बात को दोहराया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 में आये गुजरात भूकंप में पोलैंड ने मदद की पेशकश की थी. वहीं गुजरात जामनगर के राजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कई पोलिश परिवारों और अनाथ बच्चों को अपने यहां शरण दी थी और उनकी मदद भी की थी.
पोलैंड में मौजूद हैं भारत के केंद्रीय मंत्री वीके सिंह
वहीं प्रधानमंत्री ने पोलैंड के राष्ट्रपति को जानकारी दी कि भारत के केंद्रीय राज्य मंत्री और रिटार्यड जनरल वीके सिंह पोलैंड में भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी के लिये उनके प्रतिनिधि के तौर पर वहां मौजूद हैं. आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर मंगलवार को बड़ा हमला किया. रूसी सेना ने मिसाइल भी दागी.
खारकीव के चौराहे पर हमला है युद्ध अपराध
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने खारकीव के मुख्य चौराहे पर हुए हमले को "निर्विवाद आतंक" करार दिया और इसे युद्ध अपराध कहा. उन्होंने कहा, "कोई भी माफ नहीं करेगा. यह हमला एक युद्ध अपराध है. कोई नहीं भूलेगा ... यह रूसी संघ का राज्य आतंकवाद है."
भारत के लिए इस समय यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है. इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
कीव से सभी भारतीय सकुशल निकाले गये
बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय नागरिक की मौत को लेकर प्रधानमंत्री ने गहरा दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि अब तक 12 हजार यानी करीब 60% भारतीय यूक्रेन से निकल चुके हैं. कीव में अब कोई भारतीय नागरिक नहीं बचा है.