दो दिनों में दक्षिण के 4 राज्यों के दौरे पर पीएम मोदी, क्या है BJP का मिशन साउथ?
PM Modi Tamil Nadu Visit: पीएम नरेंद्र मोदी के दक्षिण भारत के दौरे से बीजेपी यहां मजबूत होना चाहती ताकि लोकसभा चुनाव में उसे फायदा हो.
PM Modi South India Visit: पीएम नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. इसके साथ ही अगले साल होने वाले तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव फतेह करने के लिए भी वो चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. इसी को देखते हुए वो दक्षिण भारत के चार राज्यों के दौरे पर हैं. दो दिनों के लिए पीएम मोदी दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के दौरे पर हैं.
इस दौरान पीएम लोगों को 25 करोड़ से ज्यादा की विकास योजनाओं का तोहफा देंगे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में दक्षिण भारत के राज्यों में दो महीने तक भारत जोड़ो यात्रा की है. पीएम मोदी के दौरे से बीजेपी को फायदा होता है या कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा का लाभ मिलता है? यह तो आने वाले समय ही बताएगा.
बीजेपी को क्या हासिल होगा?
साल 2024 आम चुनाव में बीजेपी की सरकार को 10 साल पूरे हो जाएंगे. इन दो चुनावों में उत्तर पश्चिम और पूर्व भारत में बीजेपी को ज्यादा कुछ नहीं मिला. पार्टी को लगता है कि सत्ता विरोधी लहर के चलते उसे कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में दक्षिण भारत से इन सीटों की भरपाई हो सकती है. ये ही वजह है कि मिशन साउथ पर खुद प्रधानमंत्री मोदी उतर चुके हैं.
दक्षिण भारत से क्या उम्मीद है?
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे उत्तर भारत और पूर्वी भारत में बीजेपी का भगवा झंडा लहरा चुका है. साल 2019 में बीजेपी ने जो 303 लोकसभा सीटें जीती थीं उसमें से 274 सीटें इन्हीं राज्यों से आई थीं, लेकिन दक्षिण भारत में उसका हाथ खाली है. 2019 आम चुनाव में दक्षिण भारत के 5 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को मिलाकर बीजेपी को 130 सीटों में सिर्फ 29 सीट पर जीत मिली थी. पार्टी की सहयोगियों की सीटें भी मिला लें तो ये आंकड़ा 31 तक पहुंचा था. इसमें से 25 सीटें सिर्फ कर्नाटक की थी. वहीं केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में बीजेपी को 1 भी सीट नहीं मिली थी.
प्रधानमंत्री मोदी की क्या है रणनीति?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में नादप्रभु केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) के टर्मिनल 2 का शुक्रवार (11 नवंबर) को उद्घाटन किया. इस ‘इको-फ्रेंडली टर्मिनल’ में बांस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है और यह 5,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है. इसे ‘टर्मिनल इन ए ग्रीन’ भी कहा जा रहा है. साथ ही पीएम मोदी ने बेंगलुरु के संस्थापक माने जाने वाले नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ प्रोस्पेरिटी का अनावरण किया.
नादप्रभु वोक्कलिंग समाज से आते हैं. इस 12 से 15 फीसदी वाले इस समाज का प्रभाव कर्नाटक की करीब 80 सीटों पर है. इसके अलावा उन्होंने मैसूर-चेन्नई वंदे भारत और काशी को कर्नाटक से जोड़ने वाली ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई. पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (11 नवंबर) को कर्नाटक और तमिलनाडु के दौरे पर रहे. वो शनिवार (12 नवंबर) को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
इसके बाद पीएम मोदी तेलंगाना के रामागुंडम में एक उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके अलावा राज्य में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मोदी पेद्दापल्ली जिले के रामागुंडम में आरएफसीएल उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे, जिसे 6,338 करोड़ रुपये की लागत से दोबारा तैयार किया गया है.’’
क्या गेम प्लान है?
नरेंद्र मोदी के दक्षिण दौरे के पीछे बीजेपी की रणनीति कांग्रेस के गेम प्लान को बिगाड़ने की भी है. दरअसल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का शुरुआती रूट दक्षिण भारत ही रहा है. करीब दो महीने राहुल ने दक्षिण भारत में बिताए हैं और इस यात्रा को काफी समर्थन भी मिला है. अब पीएम मोदी ने भी दक्षिण का रुख करके कांग्रेस को चैलेंज कर दिया है.
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