Chennai Airport: पीएम मोदी ने चेन्नई एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का किया उद्घाटन, रोड शो भी निकाला
PM Modi Tamil Nadu Visit: पीएम मोदी ने चेन्नई एयरपोर्ट पर टर्मिनल भवन (फेज-1) का उद्घाटन करने के बाद चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
Chennai Airport News: पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (8 अप्रैल) को चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 1,260 करोड़ रुपये की लागत से तैयार नए एकीकृत टर्मिनल भवन (फेज-1) का उद्घाटन किया. एकीकृत भवन को खास तौर पर राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस मौके पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) सहित अन्य नेता उपस्थित रहे.
प्रधानमंत्री ने चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इसके बाद चेन्नई में रोड शो भी निकाला. इससे पहले शनिवार को पीएम मोदी तेलंगाना के दौरे पर भी गए थे. पीएम ने यहां सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके अलावा उन्होंने कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की और उनका उद्घाटन किया.
विपक्षी दलों पर साधा निशाना
इस दौरान पीएम ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिना किसी का नाम लिए कहा कि परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले मुट्ठी भर लोग इस बात की संभावना तलाश रहे हैं कि वे तेलंगाना के लोगों के लिए शुरू की गई परियोजनाओं से कैसे लाभ हासिल कर सकते हैं. उन्होंने राज्य में केंद्र की योजनाओं को लेकर सत्तारूढ़ दल के कथित असहयोग पर दुख व्यक्त किया.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi holds roadshow in Chennai, Tamil Nadu
— ANI (@ANI) April 8, 2023
(Source: DD News) pic.twitter.com/o7wWdSxS6F
पीएम ने विपक्षी नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करके उन दलों को करारा झटका दिया है. कुछ दिन पहले कुछ राजनीतिक दल कोर्ट में संरक्षण मांगने गए थे कि कोई हमारी भ्रष्टाचार की जांच की मांग न करे. वे कोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने उन्हें झटका दे दिया.
सुप्रीम कोर्ट गए थे विपक्षी दल
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व में 14 राजनीतिक दलों ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विपक्षी नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ कठोर आपराधिक मुकदमों में खतरनाक वृद्धि हुई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से मना कर दिया था.
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