नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोमवार शाम करीब आधे घंटे हुई बातचीत में एक बड़ा मुद्दा पाकिस्तान और उसके नेताओं की जुबानी जहरअंदाजी था. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत में किसी का नाम लिए बिना ही कहा कि क्षेत्र के कुछ नेताओं की भाषा इलाके में शांति और स्थायित्व को खराब कर रही है.


प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक करीब 30 मिनट चले इस फोन संवाद में पीएम मोदी ने जापान के ओसाका में गत माह राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया. साथ ही दोनों नेताओं को बीच गर्मजोशी के साथ हुई बातचीत में क्षेत्रीय हालात पर भी चर्चा हुई. पीएमओ ने बताया कि चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि कुछ क्षेत्रीय नेताओं की भारत विरोधी भड़काऊ भाषा औऱ हिंसा को बढ़ावा देने के प्रयास, इलाके में शांति के खिलाफ हैं. जाहिर है मोदी का इशारा सीधे पाक पीएम इमारान खान औऱ उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की तरफ से आए बयानों की ओर था जो इन दिनों भारत के खिलाफ दिन-रात आग उगल रहे हैं.


पीएम मोदी ने आतंक औऱ हिंसा मुक्त माहौल बनाने व बिना किसी अपवाद सीमा-पार आतंकवाद की रोकथाम पर भी जोर दिया. मोदी ने दो-टूक कहा कि भारत हर उस देश के साथ सहयोग करने को तैयार है जो गरीबी, अशिक्षा और बीमारी के खिलाफ काम करना चाहता है.


महत्वपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता के कथित प्रस्ताव को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के दावे के बाद पीएम मोदी और उनके बीच का यह पहला फोन संवाद है. दोनों नेताओं के बीच यह फोन वार्ता फ्रांस के बियारिट्ज में जी-7 शिखर वार्ता से पहले मुलाकात से पहले हुई अहम बातचीत है. गौरतलब है कि 24-26 अगस्त तक होने वाली जी-7 शिखर वार्ता के लिए दोनों नेता अगले हफ्ते एक साथ फ्रांस में होंगे.


दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान को लेकर भी बात हुई. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि भारत एक स्वतंत्र, सुरक्षित और संगठित अफगानिस्तान बनाने के लिए काम करने का पक्षधर रहा है. महत्वपूर्ण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप औऱ उनका प्रशासन इन दिनों अफगानिस्तान नीति पर खासा ध्यान दे रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप से इस चर्चा के साथ ही पीएम मोदी ने सोमवार शाम अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की.


बहुपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मामलों पर भी बात हुई. चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि ओसाका में बनी सहमति के मुताबिक भारत और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि जल्द ही मुलाकात करेंगे ताकि कारोबार संबंधी मामलों को सुलझाया जा सके. ध्यान रहे कि राष्ट्रपति ट्रंप बीते काफी वक्त से इस बात को लेकर शिकायत कर रहे हैं कि अमेरिकी उत्पादों को भारत में काफी शुल्क का दबाव झेलना पड़ता है. इतना ही नहीं दो महीने पहले भारत और अमेरिका ने एक-दूसरे के कई उत्पादों पर भारी-भरकम सीमा-शुल्क जैसी कार्रवाई भी की थी.