नई दिल्ली: देश के 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया. इसके बाद इसरो मुख्यालय में मौजूद वैज्ञानिकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ की है. देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसरों के पास सफलताओं की एक लंबी लिस्ट है और देश के वैज्ञानिक इन बाधाओं से उबरकर कामयाबी की नई कहानी लिखेंगे. बता दें कि पीएम मोदी चंद्रयान-2 के इसरो से संपर्क टूटने के बाद इसरो सेंटर में ज्यादा देर नहीं रुके थे, अब इसकी वजह उन्होंने खुद बताई है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब चंद्रयान अपने आखिरी चरण में था तो उस वक्त वैज्ञानिकों के मन में क्या चल रहा था इसे वह बखूबी समझ रहे थे. उन्होंने कहा कि इसरो सेंटर में वैज्ञानिकों की आंखें बहुत कुछ कह रही थीं. पीएम मोदी ने कहा कि वैज्ञानिकों के उदास मन को वह देख पा रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि वह इन्हीं वजहों से इसरो सेंटर में चंद्रयान-2 से संपर्क टूटने के बाद ज्यादा देर तक नहीं रुके थे.
प्रधानमंत्री मोदी बोले- ISRO कभी हार नहीं मानने वाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसरो कभी हार मानने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि शुरुआती रुकावटों के बाद हमने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की है. पीएम मोदी ने कहा, ''ISRO कभी हार मानने वाला नहीं है. हम अपने पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर देश का झंडा गाड़ आए थे. दुनिया को चांद पर पानी की जानकारी देने वाले भी आप ही हैं.
पीएम मोदी ने कहा, "हमारे हजारों वर्षों का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है जब शुरुआती रुकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की हैं. ISRO कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है. आपको आने वाले मिशन के लिए बहुत-बहुत बधाई और याद रखें विज्ञान कभी भी परिणामों से संतुष्ट नहीं होता. वह प्रयास, प्रयास और प्रयास में विश्वास करता है. आप पर देश को गर्व है.''
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