दिल्ली चुनाव में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री, कड़कड़डूमा के सीबीडी ग्राउंड में करेंगे रैली
इस चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी के सामने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है तो वहीं बीजेपी अपना 27 साल का इंतजार खत्म करना चाह रही है. कांग्रेस पर भी दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में एंट्री होने जा रही है. पीएम मोदी आज दिल्ली के कड़कड़डूमा के सी. बी. डी. ग्राउंड में चुनावी रैली करेंगे. विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद दिल्ली में पीएम मोदी की यह पहली चुनावी रैली है.
प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली ऐसे समय में हो रही है जब सीएए और एनआरसी को लेकर शाहीन बाग समेत दिल्ली के अलग अलग इलाकों प्रदर्शन चल रहा है. पिछले चार दिनों में जामिया और उसके आस पास के इलाकों में फायरिंग की तीन घटनाएं हुई हैं. ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री की रैली पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. प्रधानमंत्री इन सब घटनाक्रम पर क्या बोलते हैं, सभी का ध्यान इस पर टिका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद कांग्रेस के दिग्गज भी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली में चुनावी रैली के लिए उतरेंगे. राहुल गांधी चार और पांच फरवरी को रैली करेंगे. प्रियंका गांधी का दिल्ली में चुनावी प्रचार को लेकर क्या कार्यक्रम रहेगा, इसकी अभी तक जानकारी नहीं मिली है.
प्रधानमंत्री की रैली से पहले सी. बी. डी. ग्राउंड के और उसके पास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले एसपीजी ने भी सी. बी. डी. ग्राउंड का मुआयना किया. इसके साथ ही रैली मैदान और उस तरफ चाने वाले रास्तों पर अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस कड़ी नजर बनाए हुए है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने जनसभा स्थल का दौरा किया.
दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. इस चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी के सामने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है तो वहीं बीजेपी अपना 27 साल का इंतजार खत्म करना चाह रही है. कांग्रेस पर भी दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है.