रियाद/दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के साए में विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के देशों के दो दिवसीय बैठक आज शुरु हो रही है. सऊदी अरब के किंग महामहिम सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. दो दिवसीय सम्मेलन की थीम 'सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों को हासिल करना' रखी गयी है. यह बैठक वर्चुअल माध्यम से होगी.


यह बैठक सऊदी अरब की अगुवाई में हो रही है. आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के केंद्र में कोविड-19 से समावेशी, लचीले और स्थायी रिकवरी होगी. जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, नेता महामारी को लेकर तैयारियों और नौकरियों को बहाल करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करेंगे. एक समावेशी, टिकाऊ और बेहतर भविष्य बनाने के लिए नेता अपना दृष्टिकोण भी साझा करेंगे.


कौन-कौन लेंगे भाग?


इस बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और समूह के अन्य सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे.


ट्रम्प और मोदी की एक साथ आखिरी बहुपक्षीय बैठक


यह जी-20 बैठक सम्भवतः आखिरी बहुपक्षीय बैठक हो जिसमें पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक साथ शामिल होंगे. सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा. सऊदी अरब ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिये जी20 से राजकोषीय समर्थन, कर्ज में कटौती और अन्य मौद्रिक उपायों की अपेक्षा की जा रही है. शिखर सम्मलेन इस साल जी20 नेताओं की दूसरी बैठक है.


सऊदी अरब के साथ  जी20 ट्रोइका में शामिल होगा भारत 


पीएम और सऊदी के क्राउन प्रिंस के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद मार्च 2020 में आखिरी जी20 असाधारण नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था, जहां नेताओं ने जी20 देशों के बीच कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने में मदद और एक वैश्विक समन्वित प्रतिक्रिया के लिए समय पर समझ विकसित की थी. सऊदी अरब के साथ भारत जी20 ट्रोइका में शामिल होगा, जब 1 दिसंबर, 2020 को जी-20 की प्रेसीडेंसी इटली के पास आ जाएगी.


जी-20 देशों के नेताओं का शिखर सम्मेलन अब तक की पारंपरिक बैठकों से हटकर होने के पूरे आसार हैं. यह बैठक डिजिटल होगी और इसमें दुनिया के धनी और विकासशील देशों के नेताओं का जमावड़ा नहीं होगा. इसके अलावा विभिन्न देशों के शासकों, राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के बीच बंद कमरों में होने वाली बैठकें भी नहीं होंगी. नेताओं के लिए यादगार तस्वीरें खिंचाने का अवसर भी नहीं होगा.. इसके अलावा सऊदी मेजबानों को दुनिया की मीडिया को चकाचौंध करने का अवसर भी नहीं मिलेगा.


जी 20 समूह में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल


जी 20 समूह में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ये देश वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई हिस्से का योगदान देते हैं. 1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है. मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी.


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