नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना से जुड़े हालात को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की कल बैठक बुलाई है. यह बैठक मंगलवार सुबह और दोपहर, दो चरणों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. पहले हिस्से की बैठक  सुबह 10 बजे  शुरू होगी. इसमें उन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री ने हिस्सा लेंगे जहां पर कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है.


ये आठ राज्य महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश होंगे. इन 8 राज्यों की बैठक में प्रधानमंत्री कोरोना से बचाव के उपाय और प्रबंधन पर बात करेंगे. इसके बाद  दोपहर 2 बजे से बाकी बचे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकीय प्रमुखों के साथ बैठक होगी.


सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी त्योहारी मौसम के बाद आई कोरोना की लहर और वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक में करेंगे. साथ ही साथ कोरोना के टीका वितरण के प्रबंधन को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों के साथ चर्चा करेंगे.


सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का इन बैठकों में जोर इस बात पर होगा कि कोरोना का टीका अगले दो महीने के भीतर जनसामान्य के टीकाकरण के लिए उपलब्ध होगी. ऐसी सूरत में तब तक कोरोना से बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए. कोरोना से बचाव के उपाय में लापरवाही को रोकने के लिए कड़े कानूनी उपाय और सख्ती बरतनी पड़े तो उससे जुड़े उपाय भी किये जाएं. पीएम मोदी का जोर ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ की नीति पर होगा.


प्रधानमंत्री तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रमुखों को यह भी बताएंगे वैक्सीन की उपलब्धता होने पर उसके भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और टीकाकरण के प्रबंधन के लिए किस तरह से केंद्र सरकार ने तैयारियां की हैं और उन एसओपी का पालन कर राज्यों को कैसे अपनी भूमिका निभानी है.


केंद्र सरकार की योजना अगले साल जुलाई के अंत तक 30 करोड़ लोगों को कोरोना के टीका लगाने की है. इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश में होने वाले चुनाव की तर्ज पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाने की योजना बनाई है.


बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने बीते शुक्रवार को कोरोना की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल, उसके निर्माण और संचालन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बैठक की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए थे कि वैक्सीन के विकास और विनिर्माण की सुविधा के लिए हर संभव मदद मुहैया कराई जाए. सरकार ने कोरोना वैक्सीन के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 'कोविड सुरक्षा मिशन' के तहत 900 करोड़ रुपये की सहायता भी प्रदान की है.


भारत में कोरोना की पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जिसमें से चार वैक्सीन दूसरे और तीसरे चरण में है जबकि एक वैक्सीन पहले और दूसरे फेज में है और इसलिए प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक कोरोना काल के अगले चरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है.


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