New Parliament Building Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. लोकसभ सचिवालय के मुताबिक, स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार (18 मई) को पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन के उद्धाटन के लिए आमंत्रित किया. बयान के मुताबिक, नए संसद भवन का काम रिकॉर्ड समय पूरा हुआ और नया भवन आत्मनिर्भर भारत का शानदार नमूना है. संयोग से 28 मई को वीर सावरकर की जयंती भी है.
उम्मीद है कि जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र की कार्यवाही नए भवन में ही शुरू की जाएगी. हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. दरअसल नए संसद की इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं.
नए इमारत क्यों बनाई गई?
नए भवन का निर्माण कार्य 10 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था जब प्रधानमंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी. संसद की पुरानी बिल्डिंग 1927 में बनकर तैयार हुई थी और तकरीबन 100 साल पुरानी हो चुकी है, लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नई जरूरतों को देखते हुए पुरानी बिल्डिंग अब उपयुक्त नहीं रह गई थी क्योंकि जगह कम होने के चलते सांसदों को न सिर्फ बैठने में दिक्कत हो रही थी बल्कि पुरानी इमारत में आधुनिक सुविधाओं और तकनीक का अभाव भी है.
कितने लोग बैठ सकेंगे?
पुरानी बिल्डिंग की तरह ही नए इमारत में भी लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो अलग-अलग चेंबर होंगे. लोकसभा चेंबर में जहां एक साथ 888 सदस्य सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्यसभा के चेंबर में एक साथ 384 सदस्य बैठ सकेंगे. पुरानी बिल्डिंग में संयुक्त सत्र का आयोजन सेंट्रल हॉल में किया जाता था, लेकिन नए इमारत में इसका आयोजन लोकसभा चेंबर में किया जाएगा, जिसमें जरूरत पड़ने पर एक साथ 1280 सांसद बैठ सकेंगे.
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