भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीयों का महासम्मेलन, त्रिनिदाद की राष्ट्रपति हो सकती हैं मुख्य अतिथि
Pravasi Bharatiya Divas 2025: 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रवासी भारतीय दिवस उद्घाटन करेंगे और 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के की ओर से इसका समापन किया जाएगा.
Pravasi Bharatiya Divas 2025: साल 2025 में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में किया जा रहा है. भुवनेश्वर में 8-10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा.
9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे और 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के की ओर से इसका समापन किया जाएगा. हालांकि प्रवासी भारतीय दिवस की शुरूआत 8 जनवरी को युवा प्रवासियों के साथ हो जाएगी.
त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति हो सकती हैं मुख्य अतिथि
सूत्रों के मुताबिक इस बार त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति प्रवासी भारतीय दिवस की मुख्य अतिथि होंगी. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसके अलावा लगभग 50 से ज्यादा देशों के प्रवासी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों में ओडिशा सरकार और भारत का विदेश मंत्रालय जुटा हुआ है. प्रवासी भारतीय दिवस को लेकर विदेश मंत्रालय की एक मीडिया बुकलेट के मुताबिक 18वें PBD की थीम 'विकसित भारत की संकल्पना में प्रवासी भारतीयों का योगदान' होगा. प्रवासी भारतीय दिवस में कुछ बड़ें विषयों पर चर्चा होगी.
1. वैश्विक दुनिया में प्रवासी युवा नेतृत्व
2. प्रवासी कौशल की कहानियां
3. हरित क्षेत्र- सतत विकास में प्रवासी भारतीयों का योगदान
4. नारी शक्ति- महिला नेतृत्व व प्रभाव का जश्न
5. प्रवासी संवाद- संस्कृति, जुड़ाव और अपनेपन की कहानियां
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरूआत पहली बार साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हुआ था. 2015 तक हर साल प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता था लेकिन साल 2015 से हर 2 साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. पिछली बार साल 2023 में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था.
साल 1915 में महात्मा गांधी जब दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और उसके बाद भारत की आज़ादी के आंदोलन में जुट गए थे. उसी की याद में 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाने लगा. भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को चिन्हित करने के लिए और उन्हें एक बड़ा मंच प्रदान करने के लिए मनाया जाता है. प्रवासी भारतीय अपने पूर्वजों की मिट्टी से हमेशा जुड़े रहें, उस दिशा में भी यह एक बड़ा मंच साबित होता है.
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