31 अक्टूबर को 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, जानें क्या हैं खासियतें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन करेंगे. यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. न्यूयॉर्क स्थित 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से यह लगभग दोगुना बड़ी है.
अहमदाबाद: गुजरात में लगभग बनकर तैयार 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के उद्घाटन के बाद से लोगों को राज्य में पर्यटन उद्योग के बढ़ने की संभावना है. सरदार पटेल की यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर इसका उद्घाटन करेंगे.
182 मीटर ऊंची यह विशाल प्रतिमा देश के पहले गृह मंत्री को श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने 1947 के विभाजन के बाद राजाओं-नवाबों के कब्जे वाली रियासतों को भारत संघ में मिलाने में अहम योगदान दिया था. यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. चीन की प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है. सरदार पटेल की प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुना बड़ी है.
इस परियोजना (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) की देखभाल कर रहे सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस. एस. राठौड़ ने कहा, "अभी इसकी गैलरी को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो कि 153 मीटर ऊपर स्थित है. इस गैलरी में एक समय में करीब 200 पर्यटक एक साथ खड़े हो पाएंगे. यहां से सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा और विंध्य की पर्वत श्रृंखला आदि का दीदार किया जा सकेगा."
विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधु बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची इस मूर्ति को बनाने में करीब 2389 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से राज्य के पर्यटन विभाग को बहुत फायदा होगा. इसके बनने से प्रतिदिन करीब 15000 पर्यटक के यहां आने की संभावना है और इससे गुजरात देश का सबसे व्यस्त पर्यटक स्थल बन सकता है. राठौड़ ने कहा कि 250 इंजीनियर और 3400 श्रमिक इस परियोजना पर काम कर रहे हैं. इसमें दो हाई स्पीड लिफ्ट भी होंगी जिससे एक समय में करीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं.
यहां एक संग्रहालय में सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर लाइट एंड साउंड शो भी होगा. स्टैच्यू के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर पैदल पथ को पूरी तरह से मार्बल से तैयार किया गया है. इसके अलावा दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी पैदल पथ होगा. राठौड़ ने कहा कि परियोजना से जुड़े बाकी काम इसके उद्घाटन होने से पहले पूरा कर लिए जाएंगे. प्रतिमा के पास स्थित पहाड़ियों पर फूलों को लगाया जा रहा है जिससे यहां से नजारा 'फूलों की घाटी' जैसा दिखेगा.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था जिसे 42 महीनों को अंदर पूरा किया जाना था. लेकिन इसकी डिजाइन के काम के कारण इसके निर्माण की अवधि को और चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
यह भी पढ़ें-
आम आदमी के लिए राहत की सांस, पेट्रोल 39 पैसे और डीजल 12 पैसे सस्ता हुआ 10 खास बातें: अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन ने रौंदा, कुछ सेकेंड में बिछ गई लाशें देखें वीडियो-